प्रशांत गुप्ता, नई दिल्ली: कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले शिवभक्तों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें 80 किलोमीटर के दुर्गम पहाड़ी रास्तों पर पैदल नहीं चलना होगा। उत्तराखंड सरकार ने 80 किलोमीटर के दुर्गम सफर की कठिनाई आधी से भी कम कर दी है। अब 47 किलोमीटर का उबड़-खाबड़ रास्ता जीप से तय कर सकते हैं।
नये रुट से शिव भक्त सिर्फ 33 किलोमीटर पैदल चलकर कैलाश मानसरोवर पहुंच जाएंगे। चार महीने में सरकार ने शिवभक्तों को डबल तोहफा दिया है। इससे पहले सितंबर में चीन ने कैलाश-मानसरोवर यात्रा के लिए सिक्किम के नाथुला से आसान रास्ता खोलने की रजामंदी दी थी। अब उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे के जरिए बाबा बर्फानी के दरबार जानेवाले परंपरागत लेकिन दुर्गम रास्ते को भी आसान बनाया जा रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि लिपुलेख तक पहले पैदल जाना पड़ता था, लेकिन अब तवाघाट से बीच में सड़कों का निर्माण करा दिया गया है। इस पर जीप चलेंगी और भक्तों को पैदल कम चलना पड़ेगा। इससे यात्रा चार दिन कम हो जाएगी।
उत्तराखंड के परंपरागत रास्ते से मानसरोवर की दूरी करीब 80 किलोमीटर हैं। शिवभक्तों को इस दुर्गम पहाड़ी रास्तों को पैदल ही पार करना होता है। पूरी यात्रा में तीर्थ यात्रियों करीब 25-27 दिन लगते हैं, लेकिन अब ये यात्रा 21-23 दिन में ही पूरी हो जाएगी।
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