
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लोगों की ‘घर वापसी’ की तैयारी है। वाराणसी और इलाहाबाद मंडल में बृहस्पतिवार को तीन जगहों पर ‘घर वापसी’ कार्यक्रम करने की योजना है। इसे कामयाब बनाने के लिए विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल समेत कई शीर्ष नेताओं ने यहां डेरा डाल दिया है। कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती बुधवार दोपहर बाद मुंबई से काशी पहुंच गए। कार्यक्रम के तहत कभी दबाव में ईसाई या मुसलिम बने लोगों की वैदिक रीति से ‘घर वापसी’ कराई जाएगी। उधर, घर वापसी की सुगबुगाहट मिलने के साथ ही खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
पूर्वांचल में ‘घर वापसी’ की विहिप की तैयारी को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। बुधवार को गाजीपुर में होने वाली धर्मसभा में आशीर्वाद देने के लिए स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती को जाना था। मुंबई से वे बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे तभी उनको वहां जाने से रोक दिया गया। प्र्रशासन के दबाव में धर्मसभा भी स्थगित करनी पड़ी। सूत्रों के मुताबिक बनारस और इलाहाबाद मंडल के जिलों में 18 दिसंबर को बड़े पैमाने पर ‘घर वापसी’ की तैयारी की गई है।
सुबह नौ बजे के बाद इसे मूर्त रूप दिया जाएगा। घर वापसी कहां कराई जाएगी, अभी इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन इसके लिए विहिप नेता सिंघल के अलावा विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री विनायक राव देशपांडे, प्रदेश संगठन मंत्री मनोज श्रीवास्तव काशी पहुंच गए हैं। अशोक सिंघल ने बनारस में भी घर वापसी कार्यक्रम की बात स्वीकार की लेकिन समय और स्थान बताने से इनकार कर दिया। वाराणसी मंडल में होने वाले वाले ‘घर वापसी’ कार्यक्रम में स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती आशीर्वाद देने के लिए पहुंचेंगे।
आयोजन की तैयारी में पूरी गोपनीयता बरती जा रही है और इस बारे में कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है लेकिन एक साधु ने पांच हजार लोगों की घर वापसी का दावा किया है। वाराणसी आई जोन अमरेंद्र कुमार सेंगर ने बताया कि इस तरह की गतिविधियों पर पुलिस की सतर्क निगाहें हैं। ऐसे किसी समारोह की इजाजत नहीं दी जाएगी। जोन के सभी एसएसपी को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिया गया है। खुफिया एजेंसियों को खास निगाह रखने को कहा गया है।
यूपी सरकार नहीं रोक पाएगी ‘घर वापसी’: सिंघल
उन्होंने बताया कि दिल्ली के आसपास 60 गांवों में सिसौदिया वंश के लोगों का भी धर्मांतरण कराया गया था, वो लोग भी घर वापसी करना चाहते हैं। ऐसे में सरकारों को रोकटोक नहीं करनी चाहिए।
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