
तस्लीमा नसरीन ने ट्विटर पर लिखा है कि मुस्लिमों और ईसाइयों ने पहले लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया था। उन्होंने गरीब लोगों को पैसा और खाना देकर लोगों को अपने धर्म में मिलाया था। अब हिंदू भी वैसा ही कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं और यहूदियों में धर्म परिवर्तन संभव नहीं क्योंकि आपको हिंदू बनने या यहूदी बनने के लिए उस समुदाय में जन्म लेना होगा। लेकिन अब नियम बदल रहे हैं, हिंदू और यहूदी अपने समुदाय को बड़ा करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि लोग हिंदू, मूसलमान या ईसाई जो भी बनना चाहें उन्हें बनने देना चाहिए। इतना हीं नही उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में मुसलमानों की बड़ी संख्या होने का कारण भी हिंदुओं को जबरन धर्म परिवर्तन बताया।
हालांकि तसलीमा ने यह भी कहा कि वे जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ हैं। उन्होंने जबरन धर्म परिवर्तन के लिए ईसाइयों और मुसलमानों को गलत ठहराते हुए कहा है हिंदू भी इस तरह करें यह बात उन्हें ठीक नहीं लगती।
तसलीमा ने आगे लिखा है इस्लाम में जबरन धर्म परिवर्तन मना है और मोहम्मद साहब ने उसका अनुकरण किया। लेकिन मुस्लिम लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन न कराते अभी तक इस्लाम कोई वजूद नहीं होता।
उन्होंने कहा कि अगर गरीब मुसलमानों को पैसे और खाने के लिए हिंदू बनाया जा रहा है तो उन्हें बनने देना चाहिए क्योंकि गरीब हिंदुओं को भी मुसलमान और ईसाई बनाया गया है।
इन्होंने धर्म परिवर्तन को लेकर यह भी कहा है कि भारतीय उपमहाद्वीप में इसलिए मुसलमान काफी संख्या में हैं क्योंकि यहां भारी संख्या में हिंदुओं को जबरन मुसलमान बनाया गया था।
वहीं इस मामले पर कई मुस्लिम धर्म गुरुओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। मुफ्ती अब्दुल खुमीद रूमी ने कहा है कि आगरा में जो धर्म परिवर्तन हुआ है वो लोगों को राशन कार्ड और बीपीएल कार्ड का लालच पर हुआ है और यह कानून गलत है।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों का धर्म परिवर्तन हुआ है उन्हें इस्लाम में दोबारा आने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह पहले से ही मुसलमान हैं।
उन्होंने कहा कि अगर गरीब मुसलमानों को पैसे और खाने के लिए हिंदू बनाया जा रहा है तो उन्हें बनने देना चाहिए क्योंकि गरीब हिंदुओं को भी मुसलमान और ईसाई बनाया गया है।
इन्होंने धर्म परिवर्तन को लेकर यह भी कहा है कि भारतीय उपमहाद्वीप में इसलिए मुसलमान काफी संख्या में हैं क्योंकि यहां भारी संख्या में हिंदुओं को जबरन मुसलमान बनाया गया था।
वहीं इस मामले पर कई मुस्लिम धर्म गुरुओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। मुफ्ती अब्दुल खुमीद रूमी ने कहा है कि आगरा में जो धर्म परिवर्तन हुआ है वो लोगों को राशन कार्ड और बीपीएल कार्ड का लालच पर हुआ है और यह कानून गलत है।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों का धर्म परिवर्तन हुआ है उन्हें इस्लाम में दोबारा आने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह पहले से ही मुसलमान हैं।
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