Saturday, 13 December 2014

राष्ट्रहित में भारतीय संसद की कार्यवाही को ठप्प करने का षडयन्त्र और इलेक्ट्रानिक मीडिया की हिन्दू विरोधी मानसिक्ता : हिन्दु युवा वाहिनी

संसद सत्र का अध्ययन किया जाये तो स्पष्ट होता है कि ऐन संसद सत्र के मौके पर इलेक्ट्रानिक मीडिया किसी ऐसी घटना को जोरदार तरीके से उठाना शुरु कर देती है जिसमे उस समय के सांसदो की भी रुचि नही रहती है। ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ ऐसी ताकतें है जो भारतीय संसद को विधायी कार्य से रोकना चाहती है। इस प्रकार की प्रवृत्ति राष्ट्र विरोधी है और ऐसे षडयन्त्र की उच्च स्तरीय जाॅच की जानी चाहिए।
रही बात घर वापसी की तो यह भारतीय संविधान प्रदत्त भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है। वह देश का कोई भी नागरिक स्वैच्छा से अपना धर्म परिवर्तन और धर्म प्रचार कर सकता है।
आगरा और अलीगढ़ में घर वापसी की अति सक्रियता उसकी निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। विगत 14 अगस्त को मेरठ के आईनेक्ट नामक समाचार पत्र में मुख्य पृष्ठ पर लिखा कि एक वर्ष में 200 लड़कियो ने घर्म परिवर्तन किया परन्तु चूकि यह धर्म परिवर्तन हिन्दू लड़कियो का था तो इलेक्ट्रानिक मीडिया चुप रही। इसके पूर्व नित्य हिन्दू लड़कियों के धर्म परिवर्तन की घटना प्रकाश में आती रही है जिसको प्रिण्ट मीडिया ने उचित स्थान दिया लेकिन इलेक्ट्रानिक मीडिया चुप रही। विगत 67 वर्षो में पूर्वोत्तर भारत की कुल आबादी के 90 प्रतिशत का धर्म परिवर्तन किया गया। भारत के पूर्वी तटवर्तीय क्षेत्र की 50 प्रतिशत आबादी का धर्म परिवर्तन कराया गया। केरल जैसे राज्य में 50 प्रतिशत धर्म परिवर्तन कराया गया परन्तु राष्ट्रीय स्तर के बड़े-बड़े धर्म परिवर्तन इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए समाचार नही बने। परन्तु संविधान प्रदत्त घर वापसी की घटना इसलिए महत्वपूर्ण बन गई कि कुछ लोग अपनी मूल को स्वीकार कर हिन्दू धर्म में वापसी कर रहे थे।
राष्ट्रहित में भारतीय संसद की कार्यवाही को ठप्प करने का षडयन्त्र और इलेक्ट्रानिक मीडिया की हिन्दू विरोधी मानसिक्ता की हिन्दु युवा वाहिनी, उत्तर प्रदेश निन्दा करती है।

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