संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से अपील की है कि पाकिस्तान में फांसी पर लगे प्रतिबंध को दोबारा बहाल किया जाए.
पाकिस्तान सरकार ने पिछले हफ़्ते पेशावर में स्कूल हमले के बाद देश में फांसी की सज़ा पर लगी रोक को हटाते हुए उस पर तुरंत कार्रवाई करने का फ़ैसला किया था.
लेकिन पाकिस्तान सरकार का कहना है कि इस वक़्त देश के हालात ऐसे हैं कि उन्हें इस तरह के फ़ैसले लेने पड़ रहे हैं.
प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के प्रवक्ता मुसद्दिक़ मलिक ने एक बयान जारी कर कहा, ''पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय जगत का सम्मान करता है, लेकिन इस समय देश असामान्य स्थिति से दो चार है जिसके लिए असामान्य क़दम उठाने की ज़रूरत है.''
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने बताया कि बान की मून ने प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से फ़ोन पर बात की और उनसे पेशावर में बच्चों की मौतों पर अफ़सोस जताया.
छह को फांसी

बान की मून के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस मुश्किल स्थिति को पूरी तरह से समझते हुए महासचिव ने पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया है कि वहां फांसी देने पर लगाया गया प्रतिबंध फिर लागू किया जाए.
इस महीने की 16 तारीख़ को पेशावर में सेना के एक स्कूल में चरमपंथियों के हमले में 132 बच्चों समेत 141 लोगों की मौत हो गई थी.
इसके बाद से पाकिस्तान सरकार ने फांसी देने पर लगी रोक हटा ली थी. इस फ़ैसले के बाद छह लोगों को फांसी दी जा चुकी है जो चरमपंथी हमलों में दोषी पाए गए थे और तमाम क्षमा याचनाओं को ख़ारिज किया जा चुका था.
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