
अपने संपादक पर मानहानि का मुक़दमा हो जाने के बाद भी इंडोनेशिया के अंग्रेज़ी अख़बार 'दी जकार्ता पोस्ट' ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) के चरमपंथियों की आलोचना करने वाले कार्टून का बचाव किया है.
यह कार्टून अख़बार में तीन जुलाई को प्रकाशित हुआ था. इसमें आईएस के असली झंडे में दिखने वाली अंडे के आकार वाली आकृति को हटाकर खोपड़ी और दो हड्डियां दिखाई गई है. लेकिन अरबी में लिखे ' ला इलाही इलिल्लाह' को रहने दिया गया था.
अख़बार का पक्ष
इसमें मुसलमानों के लिए पवित्र माने जाने वाले 'अल्लाह' और 'मोहम्मद' शब्द को खोपड़ी के अंदर लिखा गया था. ये शब्द आईएस के झंडे पर भी पाए जाते हैं.
आईएस या आईएसआईएस एक इस्लामिक चरमपंथी संगठन है, जो इराक़ और सीरिया में लड़ाई लड़ रहा है.

अख़बार ने कार्टून को पत्रकारिता का एक नमूना बताया है.
अख़बार ने कार्टून का बचाव करते हुए कहा है कि यह धार्मिक प्रतीकों का प्रयोग कर हिंसा करने की निंदा थी. लेकिन कुछ इस्लामिक समूहों ने इस कार्टून को अपमानजनक बताया था. इस पर अख़बार आठ जुलाई को कार्टून को वापस लेकर माफ़ी मांग ली थी. अख़बार ने इसे फैसला लेने में चूक बताया था.
गुरुवार को पुलिस ने अख़बार के संपादक मेडियात्तमा सूर्योदिग्रात पर धार्मिक अपमान करने का संदेह जताया है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बीबीसी से कहा है कि सूर्योदिग्रात को अगले हफ़्ते समन भेजा जाएगा. धार्मिक निंदा का आरोप साबित हो जाने पर उन्हें पांच साल तक की सज़ा हो सकती है.
पुलिस के इस क़दम की मानवाधिकारों के लिए लड़ने वाले संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने निंदा की है. संगठन का कहना है कि यह क़दम राष्ट्रपति जोको विडोडो के प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति वचनबद्धता के खिलाफ़ हैं.
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