नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही अपनी जूनियर मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के बयान को खारिज चुके हैं, लेकिन बीजेपी के एक बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री के नए बयान से एक बार फिर रामज़ादे बनाम हरामज़ादे का मुद्दा गरमा गया है.

बीजेपी के बड़े नेता स्वामी चिन्मयानंद ने साध्वी निरंजन ज्योति के बयान को एक कदम आगे बढ़ाते हुए दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी और अखिलेश सरकार में मंत्री और कद्दावर मुस्लिम नेता आजम खाम को 'हरामज़ादा' कहा है.
चिन्मयानंद ने बलरामपुर में रविवार को कहा, "दो दिन पहले मैंने इमाम से पूछा कि वे अपने नाम के साथ बुखारी क्यों लिखते हैं. मैंने जाना कि बलरामपुर में गेंहू और चावल का एक भंडार केंद्र है जिसे बुखारा कहा जाता है. उसने कहा कि उनके पूर्वज बहुत पहले बुखारा से आए थे. भारत में रहते इसकी कई नस्ल गुज़र गई. अब ये इसी धरती का पानी पीते हैं, खाना खाते हैं और यहीं की हवा की सांस लेते हैं. लेकिन आज भी ये सोचते हैं कि उनका संबंध बुखारा से है."
चिन्मयानंद ने आगे कहा, "इमाम बुखारी ने दस्तारबंदी में नरेंद्र मोदी को न्योता नहीं दिया, लेकिन पाकिस्तान के पीएम नवाज़ शरीफ को दावत दी."
इंडिया टू-डे वेबसाइट पर लिखा है कि इसके बाद चिन्मयानंद ने भीड़ से कहा, "जब ऐसे हरामजादे देश में रहेंगे तो फिर क्यों नहीं साध्वी उन्हें हरामजादे कहें?" इसके साथ ही भीड़ जय श्रीराम के नारे से गूंज उठा.
आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में चिन्मयानंद गृह राज्य मंत्री रहे हैं.
चिन्मयानंद यहीं नहीं रुके. इसके साथ ही उन्होंने इसमें आजम खान को भी लपेटे में ले लिया.
उन्होंने कहा, "देश में आतंकवादी कार्यवाई हो रही है. लेकिन कुछ लोग इससे चिंतित नहीं हैं. मेरा विपक्ष के नेता और खासकर मुलायम सिंह से सवाल है. एक औरत ने 17 राजपूत को मार डाला था, उस फूलन देवी को आपने सांसद बनाया. तो फिर उसी जाति की महिला (साध्वी निरंजन ज्योति) से परेशानी क्यों है जो देश को लेकर चिंतित है. अगर वो मोदी को रामजादे कहती है तो जाहिर है कि वो आजम खान को क्या कहना चाहती है."
आपको बता दें कि चंद दिन पहले मोदी सरकार की मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने अपने विरोधियों के लिए हरामजादे शब्द का इस्तेमाल किया था जिसे लेकर उन्होंने बाद में माफी मांग ली थी.
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