शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में हुए आंतकी हमलों में शहीद होने वाले जवानों की संख्या पिछले कई सालों में यहां हुए आतंकी हमलों में सबसे ज्यादा है। हाल के सालों में घाटी में किसी आतंकी हमले में एक दिन में सबसे ज्यादा जवानों के शहीद होने पर कुछ सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि यह घटना सिर्फ राज्य में जारी विधानसभा चुनावों से ही जुड़ी हुई नहीं है बल्कि यह घाटी में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश हो सकती है।
अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण माने जाने वाले उरी के सेना के कैंप पर हुए हमले की इस घटना में 11 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई और यह सब एक ही दिन में किया गया, इस बात ने सुरक्षा अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है। पिछले सात-आठ सालों में एक ही हमले में जम्मू-कश्मीर में इतने सुरक्षाकर्मियों की मौत नहीं हुई थी। कइयों का मानना है कि यह फिदायीन हमला था, हालांकि यह एक दशक पहले तक जम्मू-कश्मीर में होने वाले फिदायीन हमलों जितना जोरदार नहीं था।
अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण माने जाने वाले उरी के सेना के कैंप पर हुए हमले की इस घटना में 11 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई और यह सब एक ही दिन में किया गया, इस बात ने सुरक्षा अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है। पिछले सात-आठ सालों में एक ही हमले में जम्मू-कश्मीर में इतने सुरक्षाकर्मियों की मौत नहीं हुई थी। कइयों का मानना है कि यह फिदायीन हमला था, हालांकि यह एक दशक पहले तक जम्मू-कश्मीर में होने वाले फिदायीन हमलों जितना जोरदार नहीं था।
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