Wednesday, 10 December 2014

भारत-पाकिस्तान के ‘शांति दूतों’ को एकसाथ मिला शांति का नोबेल

Malala_Yousafzai-Kailash_Satyarthi  भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को आज शांति का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। 60 वर्षीय सत्यार्थी और 17 साल की मलाला यूसुफजई को नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में यह सम्मान प्रदान किया गया। दोनों को संयुक्त रुप से 11 लाख डॉलर की पुरस्कार राशि प्रदान की गयी।
बचपन बचाओ आंदोलन के अगुवा कैलाश सत्यार्थी शांति नोबल पुरस्कार पाने वाले भारत के पहले व्यक्ति हैं। इसी तरह मलाला भी पाकिस्तान की तरफ से शांति का नोबेल पुरस्कार पाने वाली पहली शख्सियत हैं।
यहां बता दें कि तालिबानी हमले की वजह से मलाला चर्चा में आई थीं। मलाला सबसे कम उम्र में यह पुरस्कार पाने वाली शख्सियत भी हैं।
गौरतलब है कि नोबेल पुरस्कार के ऐलान के बाद मलाला ने दिली इच्छा जताई थी कि दोनों मुल्कों के प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त करने के वक्त मौजूद रहें, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
आज फ्रांस के पैट्रिक मोदियानो को नोबेल साहित्य पुरस्कार, अमेरिकी-ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन ओ-कीफ एवं नॉर्वे की पति-पत्नी की जोडी एडवर्ड और मे-ब्रिट मोजर को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार, जापानी वैज्ञानिकों इसामू अकासाकी एवं हिरोशी अमानो और जापानी मूल के अमेरिकी शुजी नाकामुरा को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
वहीं अमेरिका के एरिक बेटजिग एवं विलियम मोएरनर एवं जर्मनी के स्टीफन हेल को रसायनशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जबकि फ्रांस के ज्यां तिरोले को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
ओस्लो में सम्राट हेराल्ड वी और महारानी सोन्जा, नॉर्वे सरकार, नॉर्वे की संसद स्टॉर्टिंग के प्रतिनिधि और आमंत्रित अतिथियों की मौजूदगी में नॉर्वेजियन नोबेल कमिटी के प्रमुख ने नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया।

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