
कैनन एंड्रू वाइट नाम के इस पादरी ने बताया कि बगदाद के करीब स्थित क्रिश्चन एन्क्लेव में इस बर्बर घटना को अंजाम दिया गया। पादरी ने यह भी बताया कि किस तरह इस्लामिक स्टेट ने क्रिश्चन समुदाय को इराक में नुकसान पहुंचाया। बड़ी तादाद में ईसाइयों का कत्ल किया गया। उनके बच्चों को काट दिया गया। सिर कलम किए गए। ईसाइयों को यह इलाका इस्लामिक स्टेट के ही कब्जे में है।
पादरी के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट के आतंकी हर दूसरे दिन ईसाई समुदाय के घरों में आते और कहते कि या तो तुम इस्लाम कबूल कर लो, नहीं तो तुम्हारे बच्चों को कत्ल कर देंगे। इनमें से अबोना नाम के एक शख्स ने मुझे फोन किया और पूछा कि अगर मैं इस्लाम कबूल करूंगा तो क्या यीशु मुझे प्यार नहीं करेंगे।
पादरी ने उसे समझाया कि यीशु तुम्हें प्यार करते हैं और आगे भी करते रहेंगे। पादरी के मुताबिक, हालांकि इलाके के ज्यादातर लोग मुस्लिम हैं और उनके दोस्त हैं। ऐसी ही एक घटना का जिक्र करते हुए पादरी ने कहा कि इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने इलाके के कुछ किशोरों से पूछा कि क्या तुम इस्लाम और मोहम्मद साहब की राह पर चलोगे।
इस पर 15 साल से कम के इन चार किशोरों ने कहा कि नहीं हम यीशु को प्यार करते थे और आगे भी करते रहेंगे। इस पर उन्होंने फिर पूछा तो किशोरों ने फिर वही जवाब दिया। इस पर गुस्साए लड़ाकों ने उनके सिर कलम कर दिए।
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