Friday, 23 January 2015

गोकशी के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले दिलशाद की 'हत्या'


पिछले साल तस्करों ने मारी थी गोली

गोकशी के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले दिलशाद भारती की गो तस्करों द्वारा मारी गई गोली से बृहस्पतिवार शाम मौत हो गई। उनके इस विरोध के चलते छह गो तस्करों ने पिछले साल 27 जून को सिर पर गोली मार दी थी। तभी से वो अस्पताल में भर्ती थे। दिलशाद की मौत की सूचना पर परिजनों ही नहीं पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया। वहीं परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा भी किया। हालात को देखते हुए पोस्टमार्टम हाउस से लेकर लिसाड़ीगेट तक पुलिस तैनात रही।

लिसाड़ीगेट क्षेत्र के नीचा सद्दीकनगर निवासी दिलशाद भारती (35) पुत्र शकील अहमद को गोली मारने के मामले में दानिश, हाजी छोटू, दिलशाद, नदीम, इस्लामुद्दीन और महराज को नामजद किया गया था। परिजनों का कहना था कि दिलशाद लिसाड़ीगेट क्षेत्र में होने वाली गोकशी का विरोध करता था। इसके चलते उसे गोली मारी गई थी। परिजन सात महीने से दिलशाद का मेरठ से लेकर दिल्ली तक इलाज करा रहे थे।

वर्तमान में वह मेरठ में बागपत रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती था। यहां शाम 6:40 बजे उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने इस बारे में परिजनों को बताया तो कोहराम मच गया। मौत की जानकारी होने पर पुलिस महकमे में भी खलबली मच गई। आनन फानन में सीओ कोतवाली रूपेश सिंह टीपीनगर एसओ और लिसाड़ीगेट एसओ के साथ अस्पताल पहुंच गए। परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर अस्पताल में हंगामा शुरू किया तो पुलिस ने परिजनों को आश्वासन दिया कि आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात 

दिलशाद की मौत के बाद लिसाड़ीगेट में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई। पुलिस को अंदेशा है कि दिलशाद के परिजन शव को सड़क पर रखकर जाम लगा सकते हैं। परिजनों में पुलिस के प्रति जबरदस्त आक्रोश है। देर रात तक पुलिस दिलशाद के पोस्टमार्टम कराने में जुटी हुई थी।


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