गोकशी के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले दिलशाद की 'हत्या'
दिलशाद की मौत की जानकारी लगते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने ‘बदला लो’ का नारा लगाया और आरोपियों के घरों की ओर दौड़ पड़े। उनके हाथों में अवैध हथियार और हाकी डंडे थे। इसकी सूचना पुलिस को लगी तो हड़कंप मच गया। लोगों ने आरोपियों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात पर काबू पाए।
दिलशाद की गोली मारने वाले दानिश, हाजी छोटू, दिलशाद, नदीम, इस्लामुद्दीन और महराज के मकान ऊंचा सद्दीकनगर में हैं। दिलशाद के मरने की बात लिसाड़ीगेट इलाके में आग की तरफ फैल गई। धीरे धीरे मोहल्ले में भीड़ लगने लगी। इसके बाद काफी संख्या में लोग आरोपियों के घर की ओर दौड़ पड़े। इससे पहले उग्र भीड़ आरोपियों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी करती पुलिस पहुंच गई और लोगों को समझाकर शांत कराया। हालात देखते हुए पुलिस अफसरों ने दिलशाद के और आरोपियों के घर पर पुलिस और पीएसी बल तैनात कर दी। पुलिस को अंदेशा है कि इस हत्या को लेकर माहौल खराब हो सकता है।
आरोपियों के परिजनों ने खाली किए घर
बवाल की आशंका को देखते हुए आरोपियों के परिजनों ने रातोंरात अपने घर खाली कर दिए। पुलिस ने उनको रिश्तेदारों के यहां रहने की सलाह दी है। हालांकि दो आरोपियों के परिजनों ने घर में ही रहने की पुलिस से बात की है।
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