Friday, 23 January 2015

गोकशी के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले दिलशाद की 'हत्या' दिलशाद के पास थी मिनी कमेलों की सूची


दिलशाद के पास थी मिनी कमेलों की सूची

लिसाड़ीगेट में चल रहे 28 मिनी कमेलों की सूची दिलशाद भारती ने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, एसएसपी और थाना पुलिस को सौंपी थी। लगातार कमेलों पर छापामारी से परेशान होकर गोकशी करने वालों ने दिलशाद की हत्या करने की प्लानिंग कर ली थी। गोकशी करने वालों ने चंदा करके भाडे़ के शूटरों से गोली मरवाई थी।

दिलशाद ने गोहत्या करने वालों की सूची बनकर अभियान छेड़ रखा था। दिलशाद के साथ आठ और लोग भी शामिल थे। इसमें पांच मुस्लिम और तीन हिंदू संगठन के कार्यकर्ता थे। 18, 19, 20 व 21 नवंबर और 30 दिसंबर 2013 को दिलशाद की दी गई सूचना पर पुलिस ने छापामारी कर आठ मिनी कमेले पकड़े थे। इनसे गोमांस भी बरामद हुआ था। रियाजुद्दीन और उसके बेटे दानिश ने लिसाड़ीगेट के गली में मांस बेचने की दुकान तक खोल रखी थी।

12 अप्रैल 2014 को दिलशाद ने ऊंचा सद्दीकनगर में रियाजुद्दीन के मिनी कमेले पर छापा डलवाया। यहां से तीन जिंदा गाय और भारी मात्रा में गोमांस मिला था। इसके बाद ही गोकशी करने वालों ने दिलशाद और उसके अभियान में शामिल लोगों की हत्या की साजिश रच ली। दिलशाद और उसके साथियों के घरों में धमकी भरी चिट्ठी भी फेंकी गई।

इसके बाद दिलशाद ने 26 मई 2014 को दस मिनी कमेले पकड़वाए। इसके बाद ही दिलशाद को गोली मार दी गई। इसके बाद भी 10 अगस्त को ऊंचा सद्दीकनगर में आठ कमेले पकड़े गए। एक जनवरी को भी तीन मिनी कमेलों का भंडाफोड़ हुआ। तीन दिन पहले भी रहीसुद्दीन का मिनी कमेला पकड़ा था।

कमेले से पुलिस की भी कमाई

लोगों ने आरोप लगाया है कि लिसाड़ीगेट में लगातार गोहत्या होती हैं। शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होती। पुलिस की साठगांठ के चलते यह धंधा बेरोकटोक चल रहा है। पुलिस को भी हिस्सा जाता है। आरोप लगाया कि दिलशाद के अभियान से भी कुछ पुलिस वालों को परेशानी थी। सच संस्था अध्यक्ष संदीप पहल ने बताया कि गोहत्या की शिकायत पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से की जाती है। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं होती।

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