Monday, 24 November 2014

दस से अधिक नहीं हैं आइएस में शामिल होने के इच्छुक भारतीय – अजित डोभाल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

(आइएस में शामिल हुए मुम्बर्इ के ४ युवक तथा कश्मीर में लहराएं हुए आइएस झंडे के साथ खडे लडके, हैद्राबाद में आइएस मे शामिल होने के लिए जा रहे पकडे गए लडके, इन सब घटनाआेको देखकर आइएस में शामिल होने के लिए दस से अधिक भारतीय तो जरूर होंगे । क्या इसे आइएस का प्रभाव नहीं कहा जाएंगा ? – सम्पादक)
 – इराक व सीरिया के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा जमाए बैठे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) का भारत में कोई प्रभाव नहीं है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने शनिवार को यह दावा किया। उनका कहना था कि आइएस में शामिल होने के इच्छुक भारतीय युवकों की संख्या दस से अधिक नहीं है। वहीं, उन्होंने गुलाम कश्मीर में चीन व पाकिस्तान की गतिविधियों पर रणनीतिक नजर रखने की सरकार को सलाह दी।
एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में डोभाल ने उक्त टिप्पणी की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के अनुसार, भारत में आइएस का प्रभाव नगण्य है। उसमें शामिल होने के इच्छुक युवकों की तादाद दस से अधिक नहीं है। उसमें से पांच से छह युवकों के परिजनों ने पुलिस संपर्क साधा और उन युवाओं को ऐसा करने से रोक दिया गया।
बकौल डोभाल, ‘ भारत में आइएस का प्रभाव कितना नगण्य है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक कोई भी मुस्लिम धार्मिक नेता आतंकी संगठन के समर्थन में नहीं आया। इसके विपरीत मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आइएस के खिलाफ फतवा जारी किया और उसकी हरकतों को गैर इस्लामिक करार दिया।’
गुलाम कश्मीर में चीन व पाकिस्तान की साझा हरकतों के बारे में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का कहना था, ‘ऐसी खबरें हैं कि दोनों देश मिलकर गुलाम कश्मीर में सीमा के नजदीक सड़क निर्माण कर रहे हैं। हमें उनकी हरकतों पर ध्यान देना होगा और उनकी नापाक हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कारगर रणनीति बनानी होगी।’
स्त्रोत : जागरण

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