Sunday, 30 November 2014

जो राजनेता गायकी रक्षा नहीं कर सकते, वे राज्य करनेयोग्य नहीं हैं राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोलन


केन्द्र शासन गोवंशहत्या प्रतिबन्धक कानून इस वर्ष त्वरित पारित करे तथा सर्व वैध एवं अवैध पशुवधगृह त्वरित बन्द करें, इस मांगके लिए यहांके हिन्दुनिष्ठ संगठनोंद्वारा २२ नवम्बरको यहांके रीगल चौकमें राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोलनका आयोजन किया गया । इस आन्दोलनमें हिन्दू जनजागृति समिति, हिन्दू एकता मंच, धर्मजागरण मंच, हिन्दू महासभा, गौ रक्षा दल, आर्य समाज तथा सनातन संस्था इन संगठनोंके ४० से अधिक धर्माभिमानी सम्मिलित हुए थे । उस समय स्थानीय आयुक्त संजय दूबेको मांगका निवेदन प्रस्तुत किया गया 
यहां आयोजित राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनमें बोलते समय ह.भ.प. वडसाडेकर महाराजने प्रतिपादित किया कि हिन्दुओंके लिए गोमाता वंदनीय हैं । उसकी महिमा संतोंद्वारा भी बताई गई है । जिस देशमें गायका रक्त बहाया जाता है, वहां वर्षा नहीं होती । आज देशमें निस्स्ंकोच रूपसे गोहत्याएं हो रही हैं । इसके लिए शासन एवं किसान उत्तरदायी हैं । जो राजनेता गायकी रक्षा नहीं कर सकते, वे राज्य करनेयोग्य नहीं हैं । इस आंदोलनमें ३५ धर्माभिमानी हिन्दू उपस्थित थे । इस अवसरपर वारकरी संप्रदायके ह.भ.प. जगदीश महाराज, स्वराज्य निर्माण सेनाके श्री. महेश सपकाळे, हिन्दू जनजागृति समितिके श्री. निरंजन चोडनकर, शिवसेनाके श्री. मोहन तिवारी एवं अहिंसा गोशालाके व्यवस्थापक श्री. अभयसिंह आदि मान्यवरोंकी उपस्थितिका लाभ हुआ ।
इस अवसरपर पू. नंदकुमार जाधवने ‘पूरे भारतमें गोवंशहत्या बंदी कानून सम्मत कर उसपर कार्यवाही होनी ही चाहिए !’ ऐसी मांग की । 
हिंदु महासभाके अधिवक्ता श्री. गोंविद तिवारीने कहा कि ३३ करोड देवताओंका वास रहनेवाली गोमाता हिन्दुओंका आस्थास्थान है ! उसकी रक्षा करना प्रत्येक हिन्दूुका कर्तव्य है । चक्रवर्र्ती राजे एवं ऋषिमुनि धर्मकर्तव्यके रूपमें गोधनकी रक्षा करते हैं; परंतु वर्तमानमें भारतमें गोधनकी ओर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता । गोपूजकोंके इस देशमें ३३ सहस्र ६०० वैध-अवैध पशुवधगृहोंमें प्रतिवर्ष २ करोड ४० लाख गोवंशाकी हत्या होती है । देशमें वर्ष १९४७ मेें ९० करोड रहनेवाला गोधन अब केवल १ करोड शेष है ।

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