Sunday, 30 November 2014

यदि हमें कश्मीरकी रक्षा करनी है, तो यह करना ही पडेगा !

१. धारा ३७० निरस्त करें । यह केवल राष्ट्रपतिके अध्यादेशसे हो सकता है; क्योंकि संविधानमें लिखा हुआ है कि धारा ३७० एक अस्थाई धारा है ।
२. कश्मीर एवं जम्मूकी विधानसभामें पदोंकी संख्या असमान है । जम्मूके ३१ लाख नागरिकोंके लिए विधानसभामें ३७ पद एवं श्रीनगरके २९ लाख नागरिकोंके लिए ४७ पद दिए गए हैं । २९ लाखमें जाली मतदाताओेंंकी संख्या अधिक है । वास्तविक मतदाताओंकी संख्या न्यून हो जाएगी । जनसंख्याके अनुसार पदोंका बंटवारा करनेपर जम्मूको ४७ एवं श्रीनगरको ३७ पद मिलें, ऐसी पुनर्रचना करें । लद्दाखकी जनताका प्रतिनिधित्व भी लगभग दोगुना करनेकी आवश्यकता है । पाकव्याप्त कश्मीरके नामसे २४ पद रखे गए हैं । वे वर्तमानमें रिक्त हैं । आज विधानसभामें पाकको समर्थन देनेवाले विधायक भरे हुए हैं । यदि उसमें भारतप्रेमी विधायकोंकी अधिकता हो जाए, तो कश्मीर हडपनेकी पाककी मनोकामना धूलमें मिल जाएगी ।
३. कश्मीरमें सम्पत्ति क्रय करना, बाहरसे आए हुए लोगोंको निवास, घर क्रय करने हेतु लगाए गए प्रतिबन्ध पूर्णतः हटाकर वहां, विशेषतः सीमावर्ती क्षेत्रमें सेवानिवृत्त सैनिकोंका उपनिवेश करें । इससे घुसपैठकी समस्या न्यून होगी तथा सुरक्षा तन्त्र सुदृढ होगा ।
४. यह घोषित करें कि कश्मीरमें आगामी १० वर्षतक बाहरसे जानेवाले उद्योगपर कोई कर नहीं लगाया जाएगा, जिससे वहां बडी मात्रामें उद्योग प्रारम्भ हों । उद्योग प्रारम्भ होनेसे कश्मीरकी बेकारी घटेगी । उद्योगके साथ ही बडी संख्यामें हिन्दू श्रमिक भी वहां स्थलान्तरित होंगे । हिन्दुओंकी जनसंख्या बढे बिना वहां अलगाववादकी कार्यवाहियां न्यून नहीं होंगी ।
५. पाकने पाकव्याप्त कश्मीरमें जो ५२ आतंकवादी प्रशिक्षण केन्द्र प्रारम्भ किए हैं, कभी साहस दिखाकर उन्हें नष्ट करें । अमेरिका यदि उनके जबडेमें हाथ डालकर लादेनको कुचल सकती है, तो भारत भी निश्‍चित रूपसे आतंकवादी केन्द्र नष्ट करनेका पुरुषार्थ दिखा सकता है । इसके लिए सेनाको पूर्ण सहयोग करें ।
६. आतंकवाद कठोरतापूर्वक नष्ट करें । आतंकवादियोंको बन्दी बनाकर अनेक वर्षोंतक बिरयानी खिलाई जाती है तथा किसी हवार्इ जहाजका अपहरण होनेपर, उन आतंकवादियोंको काबुल ले जाकर छोड दिया जाता है । ऐसी नीतिका कोई उपयोग नहीं है । गोलीको गोलीसे ही समाप्त किया जाता है, यह जनताको दिखने दें ।  आतंकवादियोंको जनतासे मिलनेवाला परोक्ष समर्थन अपनेआप ही न्यून हो जाएगा । 
७. कश्मीरका हिन्दूकरण करनेसे ही कश्मीरकी रक्षा होगी, यह नीति बनाकर ठोस कृत्य करना चाहिए । पाडगांवकर समिति जैसे पाकका समर्थन करनेवालोंको बडा बनाकर जनताको भ्रमित न करें ।
८. यदि केन्द्र सरकार पाडगांवकर समितिके निमित्त आतंकवादियोंके समक्ष झुकती है तथा कश्मीरको स्वायत्त देनेकी दिशामें कदम उठाती है, तो देशभरमें उग्र आन्दोलन खडा होना चाहिए । भगवानद्वारा नरसिंहका रूप दिखाए बिना हिरण्यकश्यपुका मस्तक ठिकानेपर नहीं आएगा ।
(सन्दर्भ : एकता, अगस्त २०१२)

जो राजनेता गायकी रक्षा नहीं कर सकते, वे राज्य करनेयोग्य नहीं हैं राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोलन


केन्द्र शासन गोवंशहत्या प्रतिबन्धक कानून इस वर्ष त्वरित पारित करे तथा सर्व वैध एवं अवैध पशुवधगृह त्वरित बन्द करें, इस मांगके लिए यहांके हिन्दुनिष्ठ संगठनोंद्वारा २२ नवम्बरको यहांके रीगल चौकमें राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोलनका आयोजन किया गया । इस आन्दोलनमें हिन्दू जनजागृति समिति, हिन्दू एकता मंच, धर्मजागरण मंच, हिन्दू महासभा, गौ रक्षा दल, आर्य समाज तथा सनातन संस्था इन संगठनोंके ४० से अधिक धर्माभिमानी सम्मिलित हुए थे । उस समय स्थानीय आयुक्त संजय दूबेको मांगका निवेदन प्रस्तुत किया गया 
यहां आयोजित राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनमें बोलते समय ह.भ.प. वडसाडेकर महाराजने प्रतिपादित किया कि हिन्दुओंके लिए गोमाता वंदनीय हैं । उसकी महिमा संतोंद्वारा भी बताई गई है । जिस देशमें गायका रक्त बहाया जाता है, वहां वर्षा नहीं होती । आज देशमें निस्स्ंकोच रूपसे गोहत्याएं हो रही हैं । इसके लिए शासन एवं किसान उत्तरदायी हैं । जो राजनेता गायकी रक्षा नहीं कर सकते, वे राज्य करनेयोग्य नहीं हैं । इस आंदोलनमें ३५ धर्माभिमानी हिन्दू उपस्थित थे । इस अवसरपर वारकरी संप्रदायके ह.भ.प. जगदीश महाराज, स्वराज्य निर्माण सेनाके श्री. महेश सपकाळे, हिन्दू जनजागृति समितिके श्री. निरंजन चोडनकर, शिवसेनाके श्री. मोहन तिवारी एवं अहिंसा गोशालाके व्यवस्थापक श्री. अभयसिंह आदि मान्यवरोंकी उपस्थितिका लाभ हुआ ।
इस अवसरपर पू. नंदकुमार जाधवने ‘पूरे भारतमें गोवंशहत्या बंदी कानून सम्मत कर उसपर कार्यवाही होनी ही चाहिए !’ ऐसी मांग की । 
हिंदु महासभाके अधिवक्ता श्री. गोंविद तिवारीने कहा कि ३३ करोड देवताओंका वास रहनेवाली गोमाता हिन्दुओंका आस्थास्थान है ! उसकी रक्षा करना प्रत्येक हिन्दूुका कर्तव्य है । चक्रवर्र्ती राजे एवं ऋषिमुनि धर्मकर्तव्यके रूपमें गोधनकी रक्षा करते हैं; परंतु वर्तमानमें भारतमें गोधनकी ओर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता । गोपूजकोंके इस देशमें ३३ सहस्र ६०० वैध-अवैध पशुवधगृहोंमें प्रतिवर्ष २ करोड ४० लाख गोवंशाकी हत्या होती है । देशमें वर्ष १९४७ मेें ९० करोड रहनेवाला गोधन अब केवल १ करोड शेष है ।

राजीव भाई को उनके सपनों का भारत देकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करें...

स्वदेशी के प्रखर प्रवक्ता श्रद्धेय भाई श्री राजीव दीक्षित जी की जन्मतिथि व पुण्यतिथि पर उनको शत-शत नमन एवं श्रद्धांजलि।


परम श्रद्धेय एवं स्वदेशी के प्रखर प्रवक्ता भाई राजीव दीक्षित जी का जन्म ३० नवंबर १९६७ को भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में अलीगढ़ जिले में हुआ था।
बहुप्रतिभा के धनी राजीव भाई दीक्षित जी ने अपनी पढ़ाई इंजीनियरिंग से पूरी की।
उन्होंने CSIR में भारत के श्रेष्ठ वैज्ञानिकों के साथ काम किया।
बचपन से ही भारतीयता के प्रति उनमें अगाध श्रद्धा एवं समर्पण भाव था।
१९८४ के भोपाल गैस हत्याकांड के बाद, अपने भविष्य की परवाह किये बगैर पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए वे आन्दोलन में कूद पड़े।
भारत को लूट रही विदेशी कंपनियों के खिलाफ उन्होंने आज़ादी बचाओ आन्दोलन शुरू किया जिसने देश से कई विदेशी कंपनियों को वापिस जाने पर मजबूर किया जिनमें विदेशी शराब बनाने वाली कंपनियों से लेकर ड्रग फार्मा की कंपनियां थीं।
सन १९९७ में भारत के प्रख्यात इतिहासकार श्री धर्मपाल जी की प्रेरणा से उन्होंने भारत के वास्तविक इतिहास को आंकड़ों सहित देश के कोने-कोने में घूम कर लोगों को बताना शुरू किया।
सन १९९९ में वे योगगुरु स्वामी रामदेव जी के संपर्क में आये।
कई वर्षों की योजनाओं के बाद सन २००९ में राजीव भाई दीक्षित जी ने स्वामी रामदेव जी के साथ भारत को उसका खोया हुआ गौरव वापिस लौटाने के उद्देश्य से भारत स्वाभिमान आन्दोलन शुरू किया।
आज यह आन्दोलन बहुत बड़ा स्वरुप ले चुका है और भारतवासियों को जागरूक करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
३० नवंबर २०१० को संदिग्ध परिस्थितियों में राजीव भाई हम सब को छोड़ कर वैकुण्ठ सिधार गए लेकिन आज भी वे अपनी आवाज़ और कुछ यादों के जरिये अपने चाहने वालों के हृदयों में जीवित हैं...।
भाई राजीव दीक्षित जी का सपना था कि इस देश में सम्पूर्ण स्वदेशी व्यवस्था आये जिसमें हमारी भाषा स्वदेशी हो, वेष-भूषा स्वदेशी हो, भोजन स्वदेशी हो तथा विचारों सहित सम्पूर्ण जीवन स्वदेशी हो।
आइये, मिलकर राजीव भाई को उनके सपनों का भारत देकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करें...
भाई राजीव दिक्षित जी के जन्मदिवस व् पुण्य तिथि पर उनकी राष्ट्र सेवा को नमन व श्रद्धासुमन....
वंदे मातृभूमि...
अमर शहीद भाई राजीव दीक्षित जी जिंदाबाद

पत्नी की पूजा से प्रसन्न होकर शिव ने दिया अंग्रेज पति को जीवन का वरदान - मध्यप्रदेश


मध्यप्रदेश के आगर मालवा नगर में श्रीबैजनाथ महादेव का एक ऎसा ऎतिहासिक मंदिर हैं जिसका जीर्णोद्धार तत्कालीन अंग्रेज सेना के एक अधिकारी ने करवाया था। प्रदेश के नवगठित एवं 51 वे जिले के रूप में गत वर्ष अस्तित्व में आए आगर मालवा के इतिहास में उल्लेख है कि बैजनाथ महादेव के मंदिर का जीर्णोद्धार कर्नल मार्टिन ने वर्ष 1883 में 15 हजार रूपये का चंदा कर करवाया था। इस बात का शिलालेख भी मंदिर के अग्रभाग में लगा है। उत्तर एवं दक्षिण भारतीय कलात्मक शिल्प में निर्मित श्रीबैजनाथ महादेव को चमत्कारी देव माना जाता है। इसका ज्वलंत उदाहरण उस समय दिखाई दिया जब अफगानिस्तान में 130 वर्ष पहले पठानी सेना से घिरे कर्नल मार्टिन की प्राणरक्षा भगवान शिव ने की और वे सही सलामत घर लौटे।
इतिहास में वर्णित है कि वर्ष 1879 में अंग्रेजों ने अफगानिस्तान पर आक्रमण कर दिया था। इस युद्ध का संचालन आगरमालवा की ब्रिट्रिश छावनी के लेफ्टिनेंट क र्नल मार्टिन को सौंपा गया था। मार्टिन युद्ध एवं स्वयं की कुशलता के समाचार आगर मालवा में छोड कर गए अपनी पत्नी को नियमित भेजते थे। इस दौरान एक वक्त ऎसा भी आया जब मार्टिन के संदेश आना बंद हो गए। उनकी पत्नी को अनेक शंकाएं सताने लगी। वह एक दिन घोडे पर बैठ कर आगरमालवा में घूमने गई तो श्री बैजनाथ महादेव मंदिर से आती शंखध्वनि और मंत्रों से आकर्षित हो मंदिर पहुंची। वहां मंदिर में पूजा पाठ कर रहे पंडितों से चर्चा की एवं शिव पूजन के महत्व के बारे में पूछताछ की। पुजारी ने कहा भगवान शिव औघरदानी और भोलेभंडारी हैं। अपने भक्तों के संकट वह तुरंत ही दूर करते हैं। पुजारी ने लेडी मार्टिन से पूछा बेटी तुम बडी चिंतातुर लग रही हो क्या कारण है। लेडी मार्टिन बोली मेरे पति युद्ध में गए हैं और कई दिनों से उनका कोई समाचार नहीं आया इसलिए चिंतित हूं, इतना कहते हुये लेडी मार्टिन रो पडी। फिर ब्राहमणों के कहने पर श्रीमती मार्टिन ने लघु रूद्रीअनुष्ठान आरंभ करवाया तथा भगवान शिव से अपने पति की रक्षा के लिये प्रार्थना करने लगी और संकल्प लिया कि उनके पति युद्ध जीतकर आ जाए तो वह मंदिर पर शिखर बनवायेगी। लघुरूद्री की पूर्णाहुति के दिन भागता हुआ एक संदेशवाहक शिवमंदिर पहुंचा। लेडी मार्टिन ने घबराते हुए लिफाफा खोला और पढने लगी। पत्र में उनके पति ने लिखा, “हम युद्धरत थे तुम्हारे पास खबर भी भेजते रहते थे लेकिन अचानक हमें पठानी सेना ने घेर लिया। ब्रिटिश सेना के सैनिक मरने लगे ऎसी विषम परिस्थिति से हम घिर गए और जान बचाकर भागना मुश्किल हो गया। इतने में देखा कि युद्ध भूमि में कोई एक योगी जिनकी लम्बी जटाएं एवं हाथ में तीन नोंक वाला हथियार (त्रिशूल) लिए पहुंचे। उन्हें देखते ही पठान सैनिक भागने लगे और हमारी हार की घंडियां एकाएक जीत में बदल गई।
पत्र में लिखा था यह सब उन त्रिशूलधारी योगी के कारण ही संभव हुआ। फिर उन्होने कहा घबराओं नहीं मैं भगवान शिव हूं तथा तुम्हारी पत्नी द्वारा शिवपूजन से प्रसन्न होकर तुम्हारी रक्षा करने आया हूं। पत्र पढते हुए लेडी मार्टिन ने भगवान शिव की प्रतिमा के सम्मुख सिर रखकर प्रार्थना करते हुए भगवान का शुक्रिया अदा किया और उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पडे। कुछ दिनों बाद जब कर्नल मार्टिन आगर मालवा ब्रिटिश छावनी लौटकर आए और पत्नी को सारी बातें विस्तार से बताई और अपनी पत्नी के संकल्प पर कर्नल मार्टिन ने सन 1883 में पन्द्रह हजार रूपये का सार्वजनिक चंदा कर श्रीबैजनाथ महादेव के मंदिर का जीर्णोद्धार क रवाया। आगरमालवा की उत्तर दिशा में जयपुर मार्ग पर बाणगंगा नदी के किनारे स्थापित श्रीबैजनाथ महादेव का यह ऎतिहासिक मंदिर लिंग राजा नलकालीन माना जाता है। पहले यह मंदिर एक मठ के रूप में था तथा तांत्रिक अघौरी यहां पूजापाठ करते थे। मंदिर का गर्भगृह 11 गुणा 11 फीट का चौकोर है तथा मध्य में आ ग्नेय पाषाण का शिवलिंग स्थापित है। मंदिर का शिखर चूनेपत्थर का निर्मित है जिसके अंदर और बाहर ब्रहमा, विष्णु और महेश की दर्शनीय प्रतिमाऎं उत्कीर्ण हैं। करीब 50 फुट ऊंचे इस मंदिर के शिखर पर चार फुट उुंचा स्वर्णकलश है। मंदिर के सामने विशाल सभा मंडप और मंडप में दो फुट ऊंची एवं तीन फु ट लंबी नंदी की प्रतिमा है। मंदिर के पीछे लगभग 115 फुट लंबा और 48 फुट चौडा कमलकुंड है जहां खिलते हुए कमल के फूलों से यह स्थल और भी रमणीक दिखाई देता है। महाशिवरात्रि के अलावा यहां चैत्र एवं कार्तिक माह में भी भव्यशिव मेला आयोजित होता है और दूर दराज से श्रद्धालु चमत्कारिक श्रीबैजनाथ महादेव के दर्शन पूजन करने पहुंचते हैं।

Saturday, 29 November 2014

हिन्दुओं की रक्षा न करने वाले चले जाएं पाकिस्तान : प्रवीण तोगड़िया


मोतिहारी – विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगडिय़ा ने सोमवार को कहा कि भारत में हिन्दुओं की सुरक्षा खतरे में हो यह चिंतनीय है। देश के हिन्दुओं की रक्षा नहीं करनेवालों को लोकतंत्र में शासन का अधिकार नहीं। वे शहर के राजेंद्र नगर भवन के सभागार में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि लव जेहाद औरंगजेब का जेहाद है।बहन-बेटियों की इज्जत पर हाथ डालकर कहा जा रहा कि यह प्यार है। अगर यह सचमुच प्यार है तो धर्म परिवर्तन कराने का क्या मतलब। कोर्ट में शादी कर दोनों को अपने-अपने धर्म का पालन करना चाहिए। वो भी केवल लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा। कोई भी मुसलमान अपना धर्म छोड़ हिन्दू धर्म नहीं अपना रहा। अगर इस पर काबू नहीं पाया गया तो 50-100 वषरें के बाद हमारा नामोनिशान मिट जाएगा। हमें सजग व सतर्क रहना होगा। ऐसी घटनाओं के विरोध में आगे आना होगा। कहा कि हिन्दू धर्म कर्म को बदलने का विज्ञान है। इसमें बुरे कर्म को त्याग अच्छे कर्म करने की शिक्षा मिलती है।
गाय को कसाई के हाथ से छुड़ाना धर्म की रक्षा है। अयोध्या में राममंदिर बनाना धर्म की रक्षा है। मुगल सल्तनत को कुचलने वाले भारत को एक बार फिर अपनी रक्षा के लिए जागृत होने की जरूरत है। विहिप देश के हिन्दुओं को शिक्षा, आर्थिक समृद्धि व आरोग्य की सुविधाओं के लिए संकल्पित है। इसके लिए पूरे देश में योजनाएं चलायी जा रही हैं। केवल एक फोन से सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। देश के एक लाख गावों में 50 लाख बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जा रही। इसे और बढ़ाना है। बेरोजगारों को रोजगार से जोडऩे के लिए प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध बनाया जाएगा। साथ ही आरोग्य रहने के लिए वैसे गरीब लोग जो इलाज कराने में असमर्थ हैं वे केवल एक फोन करेंगे उन्हें प्राइवेट चिकित्सक की सेवा निशुल्क मिलेगी। इस योजना के तहत देश के 5 हजार चिकित्सक विहिप से जुड़ चुके हैं। इसे 20 हजार तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
उन्होंने दावा कि कि देश के संसाधन पर पहला अधिकार हिन्दुओं का है। कार्यक्रम का उद्घाटन तोगड़िया के अलावा डा. अतुल कुमार, डा. राजेश कुमार श्रीवास्तव, प्रो. बैद्यनाथ सिंह ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर अशोक कुमार, राजीव रंजन, मनीष कुमार, दिनेश कुमार, जितेन्द्र कुशवाहा, अमित, श्यामसुंदर, संतोष कुमार, अमित तिवारी, पवन कुमार, प्रमोद गिरि आदि मौजूद थे। कार्यक्रम में श्री तोगडिय़ा को तलवार देकर सम्मानित किया गया। वहीं कई लोग इसाई धर्म को छोड़ अपने मूल धर्म हिन्दू धर्म में वापस आए।
स्त्रोत : जागरण

VHP का यशस्वी प्रयत्न : मिशनरीज स्कूलों में अब प्राचार्य और सरस्वती


विश्व हिंदू परिषद के दबाव में आखिरकार कैथलिक मिशनरीज को झुकना ही पड़ा। बस्तर इलाके के कैथलिक मिशनरीज वीएचपी के दबाव में अपने स्कूलों के प्रिंसिपल को फादर के बदले अब प्राचार्य और उपप्राचार्य कहेंगे। वीएचपी ने कहा था कि मिशनरीज स्कूलों में जिन्हें फादर कहा जाता है उन्हें प्रायार्य, उपप्राचार्य या सर कहा जाए।

अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक वीएचपी के दवाब में मिशनरीज, स्कूलों में सरस्वती की तस्वीर लगाने के लिए भी राजी हो गए हैं। इसके साथ ही ये वीएचपी द्वारा सुझाए उन महापुरुषों की भी तस्वीर लगाएंगे जिनका राष्ट्र हित में शिक्षा के क्षेत्र में योगदान रहा है। बस्तर के जगदलपुर में एक बयान में के जरिए बताया गया है कि मिशनरीज और वीएचपी के बीच इन मुद्दों पर सहमति बन गई है। रविवार को इन मुद्दों पर दोनों समूहों के बीच बैठक हुई थी।
इसी बैठक में मिशनरीज को वीएचपी के आगे झुकना पड़ा। बस्तर जिले के वीएचपी अध्यक्ष सुरेश यादव और बस्तर कैथलिक कम्युनिटी के प्रवक्ता अब्राहम कन्नामपला ने इस समझौते पर संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए हैं। आदिवासी बहुल बस्तर जिले में कैथलिक मिशनरिज के 22 स्कूल हैं। एक खास इलाके में केरल से ज्यादा यहां मिशनरीज का विकास हुआ है। दोनों के संयुक्त बयान के मुताबिक, ‘नोटिस बोर्ड और बस्तर के सभी कैथलिक एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन्स को सूचित कर दिया गया है कि फादर को प्राचार्य, उपप्राचार्य या सर से संबोधित किया जाए।
इस बयान के साथ यह भी जोड़ा गया है कि कैथलिक कम्युनिटी की वजह से यदि कोई समुदाय, मजहब और सोसायटी को दुख पहुंचा है तो हमें खेद है। वीएचपी ने बस्तर इलाके में घर वापसी प्रोग्राम के बहाने कई मुद्दों को उठाते हुए लंबे समय से मिशनरीज को निशाने पर रखा है। इसके तहत जिन लोगों ने ईसाई धर्म को गले लगाया उन्हें वीएचपी फिर से हिन्दू बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है। वीएचपी ने इस योजना के तहत कई हाशिए के गांवों में जाकर उन लोगों को हिन्दू बना रहा है, जिन्होंने हाल ही में ईसाई कबूल किया था।
जगदलपुर के बिशप के उस बयान पर काफी विवाद हुआ था जिसमें उन्होंने कहा था कि इस क्षेत्र में मिशनरीज स्कूल को चर्च बनाना चाहिए। इस बयान के बाद वीएचपी ने बस्तर जिले के कमिश्नर को पत्र भेजा था। पत्र की कॉपी मुख्यमंत्री रमन सिंह और प्रदेश के राज्यपाल को भी भेजी गई थी। इस चिट्ठी में वीएचपी ने लिखा था कि बिशप का बयान सांप्रदायकिता को बढ़ाने वाला और संकुचित विचार को दर्शाता है।
पत्र में यह आरोप भी लगाया गया था कि यहा मिशनरीज हिन्दू सोसायटी पर शिक्षा के बहाने अलोकतांत्रिक दबाव बना रहे हैं। वीएचपी मांग करती है कि फादर को प्राचार्य और गुरुजी में बदला जाए और इनके स्कूलों में मां सरस्वती की मूर्ति लगाई जाए। बिशप के बयान पर पैदा हुए विवाद को देखते हुए मिशनरिज ने सफाई दी थी उनके निर्देशों को अपनाने का हमारा कोई इरादा नहीं है।
सुरेश यादव ने कहा, ‘हम अपने बयान पर आज भी कायम हैं। हिन्दू स्टूडेंट्स की भावना के मद्देनजर फादर को प्राचार्य करने करने की हमारी मांग लंबे समय से थी। हम लोगों ने मिशनरीज से पूछा था कि फादर का मतलब क्या होता है? फादर मतलब पिता होता है। हिन्दुओं में पिता एक ही होता है। ऐसे में हम टीचर को फादर कैसे कह सकते हैं? मिशनरीज ने जवाब में कहा था कि बाइबल में इसका मतलब गॉड फादर से हैं। मैंने कहा कि बाइबल को धार्मिक ग्रंथ है। इसे स्कूलों में क्यों लागू करना चाहते हैं? और इंग्लिश स्कूलों में टीचर को फादर नहीं कहा जाता है। यहां ऐसा क्यों है?’
दूसरी तरफ सुरेश यादव ने कहा, ‘सरस्वती को मां कहने में कोई विवाद जैसी स्थिति नहीं है। मां और बहनजी तो आदर के शब्द हैं। हम लोग बुजुर्ग महिला को माताजी कहकर सम्मान देते हैं और किसी भी युवती को बहनजी कहकर आदर देते हैं। हम किसी भी संबोधन से पहले माताएं और बहनें कहते हैं। लेकिन हम किसी को पिता नहीं कहते हैं। बस्तर कैथलिक कम्युनिटी के प्रवक्ता ने कहा कि हमारा किसी को आहत करने का इरादा कभी नहीं रहा है। हमने किसी पर कभी भी फादर कहने कहा दबाव नहीं बनाया। हमलोग अब सरस्वती की मूर्ति लगाने पर भी राजी हो गए हैं।’
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

महाराष्ट्रमें गोहत्या प्रतिबंधक कानून लागू करेंगे ! – उद्धव ठाकरे


 हम अंततक लडेंगे एवं हमारी सत्ता आनेपर महाराष्ट्रमें गोहत्या प्रतिबंधक कानून लागू करेंगे , श्री. उद्धव ठाकरेने हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंको ऐसा आश्वासन दिया । ८ अक्तूबरको हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित सार्वजनिक सभा हेतु आए श्री उद्धव ठाकरेको गोहत्या प्रतिबंधक कानून लागू करनेके संदर्भमें निवेदन दिया गया एवं १९ वर्षोंसे राष्ट्रपति भवनमें सम्मतिके लिए फंसा गोहत्या प्रतिबंधक कानून लागू करनेकी विनती की गई । इस अवसरपर श्री. ठाकरेने उपरोक्त आश्‍वासन दिया ।

निवेदन देते समय हिन्दू जनजागृति समितिके सर्वश्री संजय जोशी, अनिल जठार, प्रशांत अष्टेकर तथा सनातन संस्थाके श्री. हनुमंत करंबेलकर उपस्थित थे । इस अवसरपर श्री. ठाकरेके साथ शिवसेनाके विधायक सर्वश्री राजन साळवी, सदानंद चौहान, उदय सामंत, भूतपूर्व विधायक श्री. बापूसाहेब खेडेकर, श्री. सुभाष बने तथा अन्य पदाधिकारी भी उपाqस्थत थे । श्री ठाकरेने आगे कहा कि नरेंद्रभाई मोदीजीको हमने राष्ट्रकी सुरक्षाके लिए चुना । उन्हें भारतकीr सीमा संभालना अपेक्षित है । पाकिस्तानद्वारा सीमापर निरंतर गोलीबारी की जा रही है एवं मोदीजी राज्यमें सभाएं आयोजित करते हुए घूम रहे हैं, जो अनुचित है ।

शिवसेना ने तालिबान को दी चेतावनी ! प्रधानमंत्री मोदी के रास्ते में न आयें !!!

शिवसेना ने तालिबान को धमकाया, कहा, प्रधानमंत्री मोदी की राह में न आये

मुंबई : महाराष्‍ट्र में भाजपा के पूर्व सहयोगी शिवसेना ने तालिबान को आज चेतावनी दी है। शिवसेना ने तालिबान को चेतावनी देते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राह पर न आये। शिवसेना के मुखपत्र सामना में आज के संपादकीय में लिखा है, तालिबान को प्रधानमंत्री मोदी के रास्ते में नहीं आना चाहिए। उसी में उनकी भलाई है। हम अपने प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ करेंगे।
गौरतलब हो कि तालिबान से अलग हुए एक गुट की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी दी गयी है। शिवसेना ने धमकी मिलने के चंद दिनों बाद हिन्दुत्व वाले रुख पर प्रधानमंत्री का समर्थन करते हुए आतंकवादी संगठन को उनके राह में ना आने की चेतावनी दी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने कल ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से कहा था कि वे केंद्रीय मंत्रिपरिषद के लिए अपनी पार्टी से दो लोगों का नाम सुझाएं जिन्हें रविवार को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान शामिल किया जाय।
शिवसेना का कहना है, प्रधानमंत्री मोदी तालिबान की हिट लिस्ट में शामिल हैं क्योंकि वह हिन्दुत्व के प्रबल समर्थक हैं। उन्होंने शपथ-ग्रहण के बाद गंगा तट पर आरती करके हिन्दूत्व के प्रति अपने समर्थन को प्रदर्शित किया। उसका कहना है कि प्रधानमंत्री मुसलमानों के खिलाफ नहीं हैं, बस उनके साथ होने वाले विशेष व्यवहार के विरुद्ध हैं।
मोदी ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान की सीमा में वाघा बॉर्डर पर हुए विस्फोट की निंदा की जिसमें करीब ६० लोग मारे गए थे। बाद में आतंकवादी संगठन ने मोदी को धमकी देते हुए कहा कि वह गुजरात और कश्मीर में मुसलमानों की हत्याओं का बदला लेगा।  शिवसेना ने कहा कि यह काफी अजीब है कि तालिबान भारत में मुसलमानों की हत्या की निंदा कर रहा है जबकि वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान में क्रूरता से लोगों की जान ले रहा है।

बड़ा खतरा है इस्लामिक स्टेट, कुछ युवा हो रहे हैं आकर्षित: राजनाथ

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सरकार किसी भी आतंकी संगठन को भारत में पांव जमाने का मौका नहीं देगी। उन्होंने कहा कि आईएसआईएस एक बड़ा सुरक्षा खतरा है क्योंकि कुछ युवा उसके प्रति आकर्षित हैं। राजनाथ गुवाहाटी में पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षकों (डीजीपी और आईजी) की 49वीं ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। राजनाथ ने कहा, 'इस्लामिक स्टेट एक बड़ी चुनौती है। हमारे देश के कुछ युवा उसकी विचारधारा से प्रभावित हो रहे हैं।' गृह मंत्री ने यह भी कहा कि देश किसी भी राष्ट्र-विरोधी चुनौती से निपटने के लिए एकजुट है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के लिए हिंदुओं की तरह मुस्लिम भी लड़े थे। यहां अल-कायदा अपने इरादों में कामयाब नहीं होगा। 
'बर्द्धमान ब्लास्ट का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस और एनआईए इसकी जांच में अहम भूमिका निभा रही है। जम्मू और कश्मीर के अर्निया सेक्टर में हुए आतंकी हमले और मुटभेड़ का जिक्र करते हुए राजनाथ ने कहा, 'पाकिस्तान दावा करता है कि ऐसी घटनाओं के पीछे नॉन-स्टेट ऐक्टर्स हैं। यह सच नहीं है।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का सरकारी तंत्र के कुछ हिस्से भी भारत को अस्थिर करने में लगे हैँ।

સ્‍વદેશી જીવ એટલે ‘રાજીવ' કાલે જન્‍મજયંતિ : શ્રધ્‍ધાંજલી


આધુનિક ભારતના શિલ્‍પી / સ્‍વદેશીના આગ્રહી, મહાન દેશભક્‍ત રાજીવ દિક્ષિતનો જન્‍મ નાહ ગામના અલિગઢ જીલ્લાના ઉતરપ્રદેશ અત્રૌલી તાલુકામાં ૩૦ નવેમ્‍બર ૧૯૬૭ના રોજ થયો હતો. તેમના પિતાનું નામ રાધેશ્‍યામ દિક્ષિત હતું. તેઓએ ડોકટરની પદવી મેળવી વૈજ્ઞાનિક તરીકે કામ શરૂ કરેલ. પરંતુ વિદેશી કંપનીઓ ભારતને લુંટી રહી હતી. ભગતસિંહ, ચંદ્રશેખર આઝાદ, ઉધમસિંહ, મહાન ક્રાંતિકારીઓના વિચારોથી તથા ગાંધીજીના સિધ્‍ધાંતો જાણી પ્રભાવિત થયા હતાં.    ભારત આઝાદ થયા પછી ભારતમાં અંગ્રેજો ન આવવા જોઇએ. આવું સ્‍પષ્‍ટ વિચાર થી ૨૦ વર્ષ સુધી ૧૫૦૦૦થી વધુ દેશ ભક્‍તિના પ્રવચનો કર્યા આધુનિક ભારતના યુવાનોને આઝાદી પછી આટલા વર્ષ બાદ જે ચીનગારી આપી હતી તે આજે પણ યુવાનો ભુલતા નથી.   પૂ.સ્‍વામી રામદેવજીની આગેવાની હેઠળ ભારતના શીલ્‍પી રાજીવજી જેમનામાં બહાદુરી, નિપુરતા, માતૃભૂમિ પ્રત્‍યે સમર્પણ, કોઇપણ કાર્યને ચેલેન્‍જ તરીકે સ્‍વીકારાવની ધ્‍યેવૃતિ ટિમ સ્‍પીરીટમાં માનનાર, ગરીબ અને જરૂરીયાત વાળા ભારતીયોને સહાય કરવી, સાંસ્‍કૃતિ વિચારધારા ધરાવનાર દેશભક્‍ત સહકાર અને સમન્‍વયની ભાવના ધરાવનાર, સ્‍વનિર્ણયી તેવા આધુનિક ભારતના શીલ્‍પીએ દેશ માટે આહુતી આપી. તા.૩૦ નવેમ્‍બર ૨૦૧૦ના રોજ છતીસગઢના ભિલાઇ શહેરમાં ભારત સ્‍વાભીમાન રણભૂમિમાં શહિદ થયાં. છેલ્લા સમયમાં પણ આધુનિક દવા લેવાનો ઇન્‍કાર કર્યો આયુર્વેદ દવા લેવાનો આગ્રહ રાખેલ હતો. તેવા આલૈકિક દેશભક્‍ત આજે આપણી વચ્‍ચે નથી.
   - જયેશ સંઘાણી, મો.૯૪૨૮૨ ૦૦૫૨૦

અલકાયદા-ISIS અને ISI ભારત માટે ખતરારૂપ : રાજનાથ

ગુવાહાટી તા. ૨૯ : આસામના ગુવાહાટીમાં ત્રાસવાદને લઇને ગૃહમંત્રી રાજનાથસિંહે એક મહત્‍વનો ખુલાસો કર્યો છે. તેમણે જણાવ્‍યુ છે કે અલકાયદાએ ભારતના એક જહાજનું અપહરણ કરવાની યોજના બનાવી હતી. પરંતુ તે તેના ઇરાદા સફળ થયા નહોતા. તેમાં પાક. નેવીના કેટલાક લોકો પણ સામેલ હતા. પરંતુ આનાથી ગભરાવવાની જરૂર નથી. ભલે ગમે તેટલી મોટી ચેલેન્‍જ હોય આપણે તેને નિપટવા માટે તૈયાર છીએ.
   રાજનાથસિંહે જણાવ્‍યુ છે કે અલકાયદા દેશ માટે એક મોટો પડકાર છે. અલકાયદા ભારતને ઇસ્‍લામિક સ્‍ટેટ બનાવવા ઇચ્‍છે છે. આ બેઠકમાં રાજનાથે કહયું હતું કે પાકિસ્‍તાન નાપાક હરકતો ચાલુ જ રાખે છે. પાકિસ્‍તાનની આઇએસઆઇ ભારતમાં સતત અસ્‍થિરતાના પ્રયાસો કરી રહેલ છે. પરંતુ ભારત ત્રાસવાદીઓના ઇરાદા સફળ થવા નહીં દયે.
   તેમણે કહયું હતું કે દેશના કેટલાક યુવાનો આઇએસઆઇએસથી આકર્ષિત થઇ રહયા છે જે ચિંતાની બાબત છે. ગૃહમંત્રીએ કહયું હતું કે આઇએસઆઇએસની નજર ભારતીય યુવાનો ઉપર છે. જો કે ગભરાવવાની જરૂર નથી. પછી ભલે પાકિસ્‍તાન હોય, અફઘાનિસ્‍તાન હોય, સિરીયા હોય તેઓને લાગે છે કે અહીં મુસ્‍લિમોને કારણે તેઓને પગ પસારવામાં સરળતા રહેશે પરંતુ આવુ થઇ શકે તેમ નથી. કારણ કે ભારતના મુસ્‍લિમોને હું ઓળખુ છું. આઝાદીના સમયથી તેઓનું બલીદાન આપણે ભુલ્‍યા નથી. અલકાયદાએ પણ એ વાત સમજવી જોઇએ કે ભારતના મુસ્‍લિમો સાચા દેશભકત છે.
   ઇસ્‍લામિક સ્‍ટેટ એક મોટો પડકાર છે. આપણા દેશના કેટલાક યુવકો તેની વિચારધારાથી પ્રભાવિત થઇ રહયા છે પરંતુ ચિંતાની બાબત નથી. જમ્‍મુ-કાશ્‍મીરના અરનિયામાં ત્રાસવાદી અથડામણનો ઉલ્લેખ કરતા રાજનાથે કહયું હતું કે પાકિસ્‍તાન દાવો કરે છે કે આવી ઘટના પાછળ નોન સ્‍ટેટ એકટર્સ છે એ સાચુ નથી. તેમણે કહયું હતું કે પાકિસ્‍તાનના સરકારી તંત્રના કેટલાક લોકો પણ ભારતને અસ્‍થિર કરવામાં લાગ્‍યા છે. તેઓએ આજે અહીં ડીજીપી અને આઇજીની ૪૯મી ઓલ ઇન્‍ડીયા કોન્‍ફરન્‍સને સંબોધન કર્યુ હતુ.

कुशीनगर मे हिंदु महापंचायत








आज जनपद कुशीनगर मे हिंदु महापंचायत मे भारी संख्या मेँ उपस्थित हिंदू समाज के लोगो को संबोधित करते प्रदेश प्रभारी श्री राघवेंद्र प्रताप सिंह तथा मंच पे उपस्तिथ मुख्य अतिथि गोरक्षपीठाधीश्वर ओर हिंदू युवा वाहिनी के मुख्य संरक्षक गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ जी महाराज नें सबोंधित किया साथ में सांसद राजेश.पाडें जी भी थे राष्ट्र विरोधी गतिविधियोँ हिंदू उत्पीडन के मामले को लेकर जिला अधिकारी कुशीनगर ने मंच पर आकर महाराज जी से एक ज्ञापन भी लिया हियूवा जनपद कुशीनगर.ने सफल पचांयत कराया पूरी टीम को धंयवाद !

हम कश्मीर को, जो एक वक्त दुनियाभर में जन्नत के तौर जाना जाता था, जहन्नुम नहीं बनने देंगे.’’ : गृह मंत्री राजनाथ सिंह

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने काठमांडो में दक्षेस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ द्वारा कल हाथ मिलाने पर आज कहा कि यह काफी नहीं है और दिल मिलाने के प्रयास किए जाने चाहिए.


जम्मू कश्मीर के उरी, कुपवाड़ा और पहलगाम में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘सिर्फ हाथ मिलाना काफी नहीं है, दिल भी मिलने चाहिएं.’’ राज्य में छह चरण में चल रहे विधानसभा चुनाव के दो दिसंबर को होने वाले दूसरे चरण के मतदान से पूर्व चुनाव प्रचार के लिए यहां आए राजनाथ का आज अनंतनाग जिले में पहलगाम और कुपवाड़ा में उरी और करनाह में चुनावी रैलियों को संबोधित करने का कार्यक्रम था, लेकिन खराब मौसम के कारण वह वहां नहीं पहुंच पाए इसलिए उन्होंने टेलीफोन से रैली को संबोधित किया.

सिंह ने कहा कि राज्य को आतंकवाद की छाया से बाहर निकालना होगा क्योंकि सीमावर्ती राज्य में सालों की हिंसा के कारण इसे ‘‘जहन्नुम’’ नहीं बनने दिया जाएगा.

उन्होंने इन तमाम सालों में कश्मीर को विकास से महरूम रखने, राज्य को विकास की दौड़ में दशकों पीछे धकेलने और सिर्फ चुनाव के दौरान लोगों के वोट बटोरने के लिए विकास का मुद्दा उठाने वाले राजनीतिक दलों को आड़े हाथों लिया.

उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर को हथियारों की छाया से बाहर निकालना होगा और इसे जहन्नुम में बदलने नहीं दिया जाएगा.’’ भय पैदा कर रहे हैं. वह जब सत्ता में थे तो राज्य के विकास का मुद्दा भूल गए थे और चुनाव के दौरान यह मामला उठा रहे हैं.’’ उन्होंने लोगों से कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में ऐसी सरकार लाइए, जो आपको डराए नहीं, बल्कि सम्मान के साथ आपके अधिकार आपको दे.’’

सिंह ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से हाथ मिलाया. मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान हमारा पड़ोसी है और हम उसके साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं. यह हमारी दिली ख्वाहिश है.’’

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की इस टिप्पणी को याद करते हुए कि ‘‘आप दोस्त बदल सकते हैं पर पड़ोसी नहीं बदल सकते’’, उन्होंने पाकिस्तान के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों की वकालत की.

उन्होंने कहा कि एक अच्छे हमसाए की तरह व्यवहार करते हुए, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री ने बाढ़ के समय पाकिस्तान की मदद करने की पहल की, लेकिन पाकिस्तान ने वह पेशकश ठुकरा दी..इसकी बजाय उन्होंने सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका नतीजा यह हुआ कि हमारे पांच छह लोगों की जान चली गई.’’

बीजेपी नेता ने कहा कि एक मौका दीजिए उनकी पार्टी आतंकवाद का मुद्दा हल करेगी और कश्मीर घाटी को उसका खोया गौरव लौटाएगी.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि जम्मू कश्मीर में लंबे वक्त से आतंकवाद का माहौल है और एक पीढ़ी आतंकवाद की शिकार रही है. सैकड़ों परिवार तबाह हो गए. मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं कि आप एक बार राज्य में बीजेपी की सरकार बनाएं, हम जम्मू कश्मीर को आतंकवाद के साए से बाहर निकाल लाएंगे. हम कश्मीर को, जो एक वक्त दुनियाभर में जन्नत के तौर जाना जाता था, जहन्नुम नहीं बनने देंगे.’’

'लखनऊ में हैं आतंकवाद का समर्थन करने वाले उलेमा'

इजराइल व अमेरिकी एजेंसी का हाथ
दिल्ली एयरपोर्ट पर रोके जाने से नाराज मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि आतंकवाद को लेकर देश व प्रदेश की सरकारें गंभीर नहीं है। उन्होंने लखनऊ में आतंकियों के समर्थक होने की बात भी कही।


उन्होंने विदेश जाने पर पाबंदी लगाए जाने की निंदा करते हुए कहा कि देश का पूरा सिस्टम विदेशी ताकतों के हाथ में है जिनके इशारे पर ही उन्हें इराक जाने से रोका गया। वे शुक्रवार को इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।



मजलिस-ए-उलमा हिंद के महासचिव व शिया धर्मगुरु मौलाना जव्वाद ने कहा कि देश व प्रदेश में आतंकवाद जगह बना चुका है। इससे निपटने को सरकारें गंभीर नहीं है। उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट पर रोके जाने के पीछे इजराइल व अमेरिकी एजेंसियों का हाथ होने का आरोप लगाया।



कहा कि वे इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे। क्योंकि सुरक्षा कारणों से उन्हें ही क्यों रोका गया। इसके पूर्व व अब भी लोग इराक जा रहे हैं। कहा कि जब कोई मुसलमान आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे दबाने के लिए देश ही नहीं विदेशी ऐजेंसियां सक्रिय हो जाती हैं।

Friday, 28 November 2014

लश्कर-ए-तैबा और इंडियन मुजाहिदीन समेत 74 संगठनों को आतंकवादी संस्थान घोषित किया है।

संयुक्त अरब अमीरात ने लश्कर-ए-तैबा और इंडियन मुजाहिदीन समेत 74 संगठनों को आतंकवादी संस्थान घोषित किया है। वहां की कैबिनेट ने शनिवार को इन आतंकी संगठनों की लिस्ट प्रकाशित की है।
आतंकवाद निरोधक कानून के तहत इस सूची में तालिबान, अल कायदा, दाओश और मुस्लिम ब्रदरहुड नामक आतंकी संगठन भी शामिल हैं। संयुक्त अरब अमीरात का आतंकवाद निरोधक कानून आतंकी संगठनों की लिस्ट प्रकाशित करने का वहां की सरकार को अधिकार देता है।
अब किसी व्यक्ति या समूह का लिस्ट में शामिल आतंकी संगठनों से संपर्क करना, उनकी गतिविधियों में शामिल होना और उन्हें किसी तरह का सहयोग देना अपराध माना जाएगा।
अगर कोई आतंकी संगठनों से संपर्क रखता है और उनके हितों के लिए काम करता है तो उसे उम्रकैद की सजा दी जाएगी, जबकि आतंकी वारदात करने पर सजा-ए-मौत दी जाएगी।
संयुक्त अरब अमीरात की लिस्ट में अरब प्रायद्वीप और उत्तरी अफ्रीका में अल कायदा और उसके सहयोगी संगठनों को शामिल किया गया है। इसके अलावा सूची में जबहत-अल-नुसरा, अहरार-अल-शाम, नाइजीरिया में बोको हरम, इराक में बद्र, असीब-अल-हक, अब्दुल फहद-अल- अब्बास और अमेरिकी-इस्लामिक संबंधों पर वॉशिंगटन बेस्ड काउंसिल को शामिल किया गया है।

'पाकिस्तान में आईएस आतंकी, सबूत मेरे पास' : पाकिस्तान के पूर्व गृहमंत्री रहमान मलिक

पाकिस्तान के पूर्व गृहमंत्री रहमान मलिक ने दावा किया है कि उनके पास देश में खूंखार आतंकी संगठन आईएस की मौजूदगी के दस्तावेजी सबूत हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को कई देशों में आईएस के तेजी से अपनी पैठ बनाने के संवेदनशील मसले पर विश्व समुदाय से विचार-विमर्श करना चाहिए। दक्षेस फोरम का इस्तेमाल समूह की गतिविधियों के बारे में सूचना साझा करने वाली अंतरराष्ट्रीय डेस्क की स्थापना के लिए करना चाहिए ।
'अवाम के सामने रखूंगा सबूत'
'डॉन' अखबार ने मलिक के हवाले से कहा, 'मेरे पास इस बात के ठोस सबूत हैं कि आईएस ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से अपने संपर्क स्थापित कर लिए हैं और हर हाल में संभव है कि तालिबान नेताओं में से एक को जल्द ही पाकिस्तान में इसका प्रमुख नामित कर दिया जाए।' यह पूछे जाने पर कि उनके पास क्या दस्तावेज हैं, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता ने कहा, 'मैं दस्तावेजी सबूत के बारे में देश को अवगत कराऊंगा और कुछ दिनों में उन्हें सार्वजनिक करूंगा।' उन्होंने आईएस के खतरे के प्रति पीएमएल-एन सरकार के रवैये पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि वह देश में आईएस आतंकियों को पकड़ने पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
'गंभीर कार्रवाई होनी चाहिए'
मलिक ने कहा कि इससे पहले कि आईएस तालिबान की तरह फैले तथा देश को आतंकवाद के एक और दौर में धकेले, सरकार को असमंजस की स्थिति में रहने की जगह गंभीर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश पहले ही काफी कुछ झेल चुका है। हजारों बच्चे, स्त्री, पुरुष और सैनिक आतंकी हमलों में अपनी जान गवां चुके हैं। मलिक ने आह्वान किया कि सरकार आईएस के खिलाफ कार्रवाई से पहले देश को अपने विश्वास में ले। उन्होंने प्रधानमंत्री से आईएस को देश में पैर जमाने से रोकने के लिए एक टास्क फोर्स स्थापित करने को कहा। हाल में ही कुछ तालिबान विद्रोहियों और आतंकी समूहों ने आईएस के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की है। आईएस इराक और सीरिया में सैकड़ों वर्ग मील क्षेत्र पर कब्जा कर चुका है। आतंकी समूह के नेता और खुद को खलीफा घोषित करने वाले अबू बकर अल बगदादी ने आईएस का नाम बदलकर आईएस कर दिया था ।

आगरा में एक गांव जहां कौन हिंदू, कौन मुस्लिम बताना मुश्किल है

भारत में एक जगह ऐसी है जहां के लोगों को आप अगर लव जिहाद का मतलब समझाने की कोशिश भी करेंगे तो विफल हो जाएंगे। यह है आगरा का खेड़ा साधन। इस जगह का इतिहास ऐसा है कि लव जिहाद जैसे शब्दों के लिए जगह ही नहीं है। 1658 से 1707 के बीच जब मुल्क पर मुगल बादशाह औरंगजेब का राज था, तो गांव वालों को कहा गया कि या तो आप इस्लाम कबूल कर लें या फिर गांव खाली कर दें। उस वक्त सभी ने अपना धर्म बदल दिया। आजादी के बाद कुछ लोगों ने यहां के लोगों को वापस हिंदू बनाने की कोशिश की। कुछ हिंदू हुए, कुछ मुसलमान ही रह गए। लेकिन इसके बाद इन लोगों के लिए धर्म के मायने ही खत्म हो गए।

आगरा से 50 किलोमीटर दूर इस गांव की आबादी है करीब 10 हजार। यहां के विक्रम सिंह ठाकुर कहते हैं, 'धर्म क्यों जरूरी होना चाहिए? इसीलिए मुझे लव जिहाद जैसी बकवास समझ में नहीं आती। मेरी मां खुशनुमा एक मुसलमान हैं। मेरे पिता कमलेश सिंह एक ठाकुर हैं। मेरी बहन सीत की शादी इंजमाम से हुई है और मेरी पत्नी शबाना ने कुछ दिन पहले एक बेटे को जन्म दिया है जिसका नाम है संतोष।'

खेड़ा साधन में एक परिवार में अगर चार भाई हैं तो उनमें से दो हिंदू हैं और दो मुसलमान। पति अगर हिंदू तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसकी पत्नी मुसलमान है या उसके बच्चों के नाम हिंदू परंपरा से रखे गए हैं या इस्लामिक। यहां मुसलमान मंदिरों में जाते हैं और हिंदू दरगाहों पर। ईद और दीवाली पर आप किसी घर को देखकर नहीं बता सकते कि कहां कौन से धर्म के लोग रहते हैं।

55 साल के शौकत अली बताते हैं कि हाल ही में उन्होंने अपने सबसे छोटे बेटे राजू सिंह की शादी सुनील ठाकुर और रेशमा की बेटी लाजो से तय की है। इस शादी में शौकत के भाई रिजवान और किशन दोनों आएंगे। निकाह एक मंदिर में होगा।

गीता और कुरान एक साथ रखे सलीम ठाकुर कहते हैं कि जब हम सांप्रदायकि दंगों की बात सुनते हैं तो बहुत हैरत होती है। वह बताते हैं, 'जब से मैंने होश संभाला है, मेरे पड़ोसी लव कुश सिंह को मैंने ईद पर नमाज पढ़ते देखा है। और गांव के बाकी लोगों की तरह वह होली और दीवाली भी खूब धूमधाम से मनाता है।'

यहां इस्लाम की सिर्फ तीन मान्यताएं हैं, खतना, हलाल मीट और अंतिम संस्कार। बाकी किसी लिहाज से मुसलमान हिंदू से जुदा नहीं हैं।

'सेव द चिल्ड्रन'

पटना
बिहार में बच्चों पर न्यूमोनिया कहर बनकर टूट रहा है। एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक न्यूमोनिया से बिहार में 5 साल से कम उम्र के 100 से ज्यादा बच्चे हर रोेज दम तोड़ते हैं। रिपोर्ट में सुझाया गया है कि सरकार को न्यूमोनिया के खिलाफ वैसी ही मुहिम चलानी चाहिए जैसी पोलियो उन्मूलन के लिए चलाई गई थी। इस रिसर्च स्टडी को बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने फंड दिया था। रीसर्च बिहार के पांच और उत्तर प्रदेश के नौ जिलों में किया गया।

यह स्टडी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज की प्रफेसर (बाल रोग विज्ञान विभाग) शैली अवस्थी की अगुआई में की गई। डॉ. शैली ने पटना एम्स के एक सेमिनार में बताया कि बिहार में न्यूमोनिया से 40,480 बच्चे हर साल मर जाते हैं।

डॉ. शैली ने कहा कि अगर हम सीधे शब्दों में कहें तो बिहार में न्यूमोनिया से हर रोज 100 से ज्यादा बच्चे और हर घंटे 5 बच्चों की मौत होती है। देश में हर साल लगभग 18.4 लाख बच्चों की मौत न्यूमोनिया से होती है जोकि बिहार में होने वाली मौतों का 22% है। बिहार के पांच जिलों गया, दरभंगा,मधुबनी, नालंदा और छपरा में सर्वे कराया गया। यूपी के नौ जिलों लखनऊ,गोरखपुर,महोबा,आगरा,मेरठ,उन्नाव,मथुरा,मुरादाबाद और बांदा में भी सर्वे कराया गया।


उन्होंने बताया कि न्यूमोनिया अक्सर कुपोषण, स्तनपान और टीकाकरण की कमी तथा गोबर गैस के इस्तेमाल से होता है। सेमिनार में यूनिसेफ और बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के प्रतिनिधियों, विश्व स्वास्थ्य संगठन और एम्स( पटना) के अधिकारी मौजूद रहे।

डॉ. शैली ने जोर देकर कहा कि सरकार को न्यूमोनिया की रोकथाम के लिए वैसी ही मुहिम चलाने की जरूरत है जैसी पोलियो उन्मूलन के लिए चलाई गई थी। उन्होंने कहा कि न्यूमोनिया के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। बिल ऐंड मेलिंडा फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने कहा कि बिहार में उनकी ऑर्गनाइजेशन 'सेव द चिल्ड्रन' न्यूमोनिया के खिलाफ लड़ाई में लोगों की मदद करेगी।

मुंबई लौटे IS लड़ाका आरिफ ने किए कई खुलासे


6 महीने पहले मुंबई के पास कल्याण स्थित अपने घर से आरिफ इस्लामिक स्टेट की लड़ाई में शामिल होने के लिए फरार हो गया था। आरिफ मजीद शुक्रवार को वापस घर लौट आया। मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर पहुंचते ही आरिफ को एनआईए ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में खुफिया विभाग के अधिकारियों ने आरिफ से विस्तार से पूछताछ की

खबरों के मुताबिक 23 साल के आरिफ ने कहा कि इराक में उसे आईएस ने 15 दिनों की ट्रेनिंग दी थी। यह ट्रेनिंग उसे सीरिया और तुर्की लडा़ई पर जाने से पहले मिली थी। पूछताछ के दौरान इसने कहा कि उसे दो बार गोली लगी थी। इसके बाद उसने तुर्की में किसी सुरक्षित जगह पर फरार होने की योजना बनाई। वह गोली लगने के बाद आईएस छोड़ना चाहता था ताकि अपने जख्म का इलाज करवा सके।

आरिफ अपने तीन मुस्लिम दोस्तों के साथ घर से आईएस में शामिल होने इराक पहुंचा था। अगस्त महीने में एक शख्स ने आरिफ के परिवार वालों से फोन पर कहा था कि वह मारा गया। आरिफ के परिवार वालों ने खास इबादत की थी। इसके बाद मजीद का फोन आया। उसने कहा कि वह अपने तीनों दोस्तों के साथ जिंदा है। मुंबई एयपोर्ट पर पहुंचते ही आरिफ को महाराष्ट्र एंटि-टेरर स्कॉयड (एटीएस) ने पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।


अभी तक आरिफ के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। जांचकर्ता पहले यह जानना चाह रहे हैं कि वह इराक जाने में कैसे कामयाब रहा। इसने फरार होने की योजना कैसे बनाई? क्या इसके पास जून में अगवा हुए 40 मजदूरों के बारे में कोई डिटेल है? मई में मजीद और उसके तीनों दोस्तों ने इराक जाने से पहले कहा था कि वे सऊदी अरबिया तीर्थाटन पर जा रहे हैं। बाद में पता चला कि इन्होंने आईएस जॉइन कर लिया है। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि इनकी आईएस में नियुक्ति इंटरनेट के जरिए हुई।

अारिफ के बारे में पहले खबर आई थी कि वह हवाई हमले में मारा गया। लेकिन वह जिंदा था और उसने अपने पिता डॉक्टर इजाज अहमद को कॉल किया था। उसने अपने पिता से तुर्की से वापस आने में मदद मांगी थी। 25 नवंबर को आरिफ के पिता इजाज ने नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को इस मामले में सूचना दी थी। उन्होंने एनआईए को बताया था कि 20 नवंबर को उनके पास अरब से कॉल आई थी।

उन्होंने एनआईए को बताया था, 'अारिफ ने फोन पर कहा कि तुर्की से फरार होने से पहले उसने तीन महीने तक आईएसआईएस के लिए काम किया।' इजाद ने अपने बेटे को इंडिया वापस लाने के लिए एनआईए से मदद मांगी थी। इजाद ने कहा कि अभी तक मैं अपने बेटे से नहीं मिल पाया हूं। पहले मैं जुम्मे की नमाज अदा करूंगा फिर बेटे से मिलने की योजना बनाऊंगा। और तीन युवक थाणे जिले से हैं। इन्होंने मई के आखिरी हफ्ते में आईएसआईएस को जॉइन किया था। ये तीनों हैं- अमन टंडेल, फहाद शेख, शाहिम टंकी।

आज हमारे हिन्दू धर्म की नीव गौमाता खतरे मे है

जागौ हिन्दू यूवा जागौ 
आज हमारे हिन्दू धर्म की नीव 
गौमाता खतरे मे है ! गौमाता को खतरा
मतलब हिन्दू धर्म को खतरा !
यदि अभी भी हिन्दू नही जागा तो
आने वाले समय मे हिन्दू सस्कूर्ति
खत्म हो जाएगी !
हमे अपने इतिहास को दोराने का
समय आ गया है !
हमे अपने वीरो की कूर्बानी याद करने
का समय आ गया है !
जागौ हिन्दू यूवा जागौ !
इतिहास बनाने का समय आ गया है
हिन्दू वीरो एक नया हिन्दू शौर्य इतिहास
बनाऔ 

Hafeez Saeed asks LeT to recruit flood-affected Kashmiri youths

Hafeez Saeed asks LeT to recruit flood-affected Kashmiri youths

नई दिल्ली। पाकिस्तानी आतंकी और 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को बाढ़ में अपना घर गंवा देने वाले बेरोजगार युवा कश्मीरियों की भर्ती करने को कहा है। इस बात की जानकारी भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने दी है। खुफिया ब्यूरो में शीर्ष पदस्थ एक सूत्र ने बताया कि हाल ही में सईद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आया था, जहां पर उसने भर्ती करने वालों से कहा कि वे कश्मीर और पीओके के बाढ़ पीडित युवाओं को आतंकी संगठन से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। साथ ही उन्होंने बताया कि चूंकि राज्य में कई युवा बेघर और बेरोजगार हो गए हैं इसीलिए लश्कर-ए-तैयबा को लग रहा है कि भर्ती के लिए यह सबसे सही समय है।

गौरतलब है कि बीती सात सितंबर को कश्मीर और पीओके में बाढ़ का कहर टूट पड़ा था, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और हजारों बेघर हो गए। आईबी ने दिल्ली और कश्मीर सहित कई राज्यों में आतंकी हमलों की आशंका को लेकर अलर्ट भेजा है। इसमें यह भी कहा गया है कि लश्कर-ए-तैयबा राजधानी के स्मारकों और दूतावासों को भी निशाना बना सकता है।

रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड मेजर जनरल प्रबीर कुमार चक्रवर्ती ने बताया कि सईद एक रसूखदार व्यक्तित्व वाला व्यक्ति है, उसके पीओके दौरे से भर्ती करने वालों के हौसले सीमा पार से नौजवानों को भर्ती करने के लिए मजबूत जरूर हुए होंगे। यह बेरोजगार और निष्क्रिय लोगों पर ज्यादा ध्यान देंगे। इस तरह के युवाओं का पुनर्वास बहुत जरूरी है। सरकार को इस मामले पर ध्यान देना चहिए।

Afghan mother takes bloody revenge by killing 25 Taliban militants

Afghan mother takes bloody revenge by killing 25 Taliban militants

1/28/2014 8:14:53 AM
काबुल। अफगानिस्तान की एक मां ने अपने बेटे की मौत के बदले में 25 तालिबानी आतंकियों को मौत के घात उतार दिया। सात घंटे चली इस जंग में उस मां ने पांच आतंç कयों को घायल भी कर दिया। अफगानिस्तान की रहने वाली रेजा गुल के पुलिस अधिकारी बेटे की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। इस जंग में उसकी बेटी और उसके बेटे की पत्नी ने भी गुल का साथ दिया। आतंकियों ने गांव की चेकप्वाइंट की कमान संभाल रहे गुल के बेटे पर हमला कर उसकी हत्या कर दी थी।

गुल ने एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए बताया कि मैं अपने आपको हथियार उठाने से नहीं रोक सकी और मैं चेकप्वाइंट पर पहुंच गई और फायरिंग शुरू कर दी। उनके बेटे की पत्नी ने कहा कि जब हम लोग वहां पर हल्के और भारी हथियारों के साथ पहुंचे तो फायरिंग शुरू कर दी। हम लोगों ने आखिरी गोली तक जंग लड़ने का वादा किया था। साथ ही बताया कि जब जंग खत्म हुए तो चारों तरफ तालिबानियों की लाशें बिखरी हुई थीं। प्रशासन का कहना है कि यह तालिबान के खिलाफ लोगों का गुस्सा है। वहीं तालिबान की तरफ से इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं आई।

Thursday, 27 November 2014

बल्लेबाज ह्यूज की मौत, सिर में लगा था बाउंसर

-phil-hughes-ducksसिडनी : ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट बल्लेबाज फिल ह्यूज की अस्पताल में मौत हो गई है। ऑस्ट्रेलिया के घरेलू क्रिकेट के दौरान मंगलवार को ह्यूज़ को चोट लगी थी। वह शेफील्ड शील्ड और न्यू साउथवेल्स के बीच मैच के दौरान एक बाउंसर लगने के बाद गंभीर हालत में सेंट विंसेंट अस्पताल में भर्ती थे।

गेंद लगने के बाद ह्यूज कुछ परेशान दिखाई दिए और थोड़ा झुके लेकिन कुछ ही पलों में वह अचेत होकर पिच पर गिर पड़े थे। उन्हें स्ट्रेचर पर मैदान से ले जाना पड़ा था।

करीब 16 साल बाद क्रिकेट खेल में किसी खिलाड़ी की मौत हुई है। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर मैच के दौरान ह्यूज जब 63 रन पर बैटिंग कर रहे थे तभी सीन एबॉट की एक बाउंसर को वह ठीक से खेल नहीं पाए और गेंद उनके हेलमेट पहने सिर से टकराई। 

उनकी चोट गहरी थी और मैदान पर ही हेलीकॉप्टर को बुलाना पड़ा, जो फ़िल को अस्पताल गया। फिल ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 26 टेस्ट और 25 वनडे अभी तक खेले हैं। इस बीच, फिल ह्यूज का हेल्मेट बनाने वाली कंपनी मासूरी ने कहा है कि जब उन्हें चोट लगी तब ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पुराना और हल्का हेलमेट पहने हुए थे। 

आजम खान के 'तालिबान' वाले बयान पर राज्यपाल ने की कार्रवाई की मांग

SP must act against Azam Khan: UP governor Ram Naik
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लखनऊ: यूपी के राज्यपाल राम नाइक ने कहा है कि राज्य के कैबिनेट मंत्री आजम खान के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह कैसे कहा कि मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन का पैसा तालिबान से आया है।
बस्ती जिले में पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है।
दरअसल, मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर आजम खान ने रामपुर में भव्य इंतजाम किए थे। आजम के विरोधियों ने यहां तक कहा कि वे सिर्फ आसमान से सितारे नहीं तोड़ पाए, बाकि हर इंतजाम उन्होंने अपने शक्ति प्रदर्शन के लिए किया। मुलायम के 14 किलोमीटर चलने के लिए लंदन से बग्घी लाई गई। उनके लिए 75 फीट का केक बनवाया गया। केक काटने के बाद ऐसी आतिशबाजी हुई, जैसी रामपुर के आसमान ने कभी नहीं देखी थी, पर जब एक पत्रकार ने कौतुहल से यह पूछा कि इस इंतजाम के लिए पैसा कहां से आया तो खान साहब भड़क गए।
उन्होंने कहा कि तालिबानी फंड है, तालिबान ने दिया है। कुछ दाऊद ने दिया है, अबू सलेम ने दिया है और बाकी वो जो आतंकवादी मर गए।
आजम खान की यह जुबान गवर्नर साहब को नागवार गुजरी, वे चाहते हैं कि उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आजम जी राज्य के महत्वपूर्ण मंत्री हैं। अपने मंत्री के व्यवहार के बारे में मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए। मैं इसमें मेरी और से कुछ नहीं कहूंगा। मुख्यमंत्री का कतर्व्य है कि जो उन्होंने किया है, उसमें दखल देकर उचित कार्रवाई करें।
गवर्नर साहब चाहे जो कहें, लेकिन आजम खान का मानना है कि उनके जैसे गरीब लोगों ने एक रोज रामपुर में खुशी मना ली तो लोग शमशान के मुर्दों की तरह जल गए हैं।

पाकिस्तान के अड़ंगे के चलते 'फ्लॉप शो' साबित हुआ सार्क शिखर सम्मेलन

SAARC summit flops after Pakistan's objections


काठमांडू: पाकिस्तान के अड़ंगे की वजह से काठमांडू में हो रहा सार्क सम्मेलन फ्लॉप शॉ साबित हुआ और अब दक्षिण एशियाई देशों के बीच भारत द्वारा प्रस्तावित 'समझौता समारोह' नहीं होगा।
भारत ने प्रस्ताव दिया था कि सार्क देशों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए सभी देशों को सड़क, रेल मार्गों और बिजली के जरिये संपर्क बढ़ाना चाहिए। यह कदम सार्क देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को नए स्तर पर ले जाने में सहायक हो सकता था। लेकिन, पाकिस्तान ने भारतीय प्रस्ताव का विरोध किया और मामला वहीं खत्म हो गया।
पाकिस्तान द्वारा लगाए गए इस अड़ंगे के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच दूरियां और बढ़ गई महसूस होती हैं और कहा जा सकता है कि सार्क देशों का 18वां शिखर सम्मेलन भारत-पाकिस्तान के 'कड़वे' रिश्तों की बलि चढ़ गया।
अब यह तय किया गया है कि किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं होंगे और इसी के साथ पिछले तीन साल में पहली बार इकट्ठा हुए सार्क देश बिना कुछ सार्थक हासिल किए अपने-अपने घर लौटेंगे।
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान द्वारा रोड़ा अटकाए जाने से भारतीय पक्ष को निराशा हुई, जिसने इन प्रस्तावों पर पहल की थी। वैसे भारत ने पहले ही सार्क के विभिन्न सदस्य देशों से द्विपक्षीय संपर्क समझौते करने शुरू कर दिए हैं और नेपाल के साथ मंगलवार को हुआ मोटर वाहन समझौता उसी का एक उदाहरण है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मैंने जो सपना भारत के लिए देखा है, वही दक्षिण एशिया के लिए भी देखता हूं। मोदी ने कहा, सार्क देशों के करीब आने की गति धीमी है।
मोदी ने कहा, जब भी हम सार्क देशों का ज़िक्र करते हैं, मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि हमें दो ही प्रतिक्रियाएं सुनने को मिलती हैं, निराशावाद और संशयवाद, लेकिन हमें इसे आशावाद में बदलना ही होगा। पीएम मोदी ने कहा, हम (दक्षिण एशियाई देश) सभी पास-पास जरूर हैं, लेकिन साथ-साथ नहीं हैं, जबकि हमें समझना चाहिए कि साथ आ जाने से हम सबकी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
पीएम मोदी ने कहा, अगर हम एक-दूसरे के गांवों-कस्बों को रोशन कर सकें, तो हम अपने पूरे क्षेत्र के लिए बेहतर कल का निर्माण कर सकते हैं। वर्ष 2016 में 'सार्क उपग्रह' के प्रक्षेपण की योजना की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा यह उपग्रह भारत की ओर से दक्षिण एशियाई देशों को तोहफा होगा, जिससे सभी लाभान्वित होंगे।

પાકિસ્તાન શાસકોની ઉંઘ હરામ થઈ ગઈ છે.

સાર્ક દેશોની પરિષદમાં ભારતના વડાપ્રધાન મોદીએ મુંબઈ પરના ૨૬/૧૧ના ત્રાસવાદી હુમલાનો ઉલ્લેખ કર્યો હતો અને ભારત ક્યારેય તે ઘટના ભૂલી શકશે નહીં એમ પાકિસ્તાનના વડા નવાઝ શરીફની હાજરીમાં કહ્યું હતું.તે એક ખરેખર ગૌરવ ની વાત કરી કહેવાય  
બીજો મુદ્દો એ કે જમ્મુ-કાશ્મીરમાં લોકોએ ત્રાસવાદી ધમકીની ઐસી-તૈસી કરીને વિધાનસભાની ચૂંટણીમાં ૭૨ ટકા જેટલું મતદાન કર્યું છે. તેનો અર્થ એ થયો કે જે કાશ્મીર માટે પાકિસ્તાન કોલ્ડવોર ચલાવતું હતું તે કાશ્મીરના લોકોને ભારતમાં વિશ્વાસ છે.
ત્રીજો મુદ્દો એ કે અમેરિકાના પ્રમુખ ઓબામા ૨૬ જાન્યુઆરીના કાર્યક્રમમાં ભારતના મુખ્ય મહેમાન બનવાના છે. નવાઝ શરીફ સહિતના પાકિસ્તાનના સત્તાવાળાઓ એમ કહેતા આવ્યા છે કે અમેરિકા આપણને સાથ આપશે પરંતુ ઓબામા ભારત આવશે અને પાકિસ્તાન નહીં જાય તે પાકિસ્તાન માટે કફોડી સ્થિતિ ઊભી કરશે. કાશ્મીર મુદ્દો યુએનને સોંપવા પાકિસ્તાન ગયું ત્યારે ડેલીએ હાથ દઈને પાછા ફરવા જેવી સ્થિતિ થઈ હતી.
ઓબામાનું ભારત તરફ ઝુકતું વલણ પાકિસ્તાન માટે નુકશાનકારક છે. એ પણ પ્રથમવાર બન્યું છે કે ભારતના ગૃહ પ્રધાન જાહેરમાં એમ કહે કે ભારતના મોસ્ટ વોન્ટેડ દાઉદ ઈબ્રાહીમને પાકિસ્તાને અફઘાન સરહદ પર છુપાવ્યો છે. દાઉદને અમે પકડી લાવીશું એમ પણ ભારતના સત્તાવાળા હિંમતભેર કહે છે.
સાર્કના સ્ટેજ પર અત્યાર સુધી ભારતે અનેકવાર ત્રાસવાદનો ઉલ્લેખ કર્યો છે. પરંતુ સાર્કના અન્ય દેશોએ તેને ભારત-પાક વચ્ચેનો દ્વિપક્ષીય મામલો છે એમ કહીને તેની ગંભીરતા સમજી નહોતી. બુધવારે એવું થયું કે વડાપ્રધાન મોદીએ ત્રાસવાદ અટકાવવાની વાત કરી તો બધા દેશોએ પણ તેને સમર્થન આપ્યું હતું.
પાકિસ્તાનના રાજકારણમાં મહત્વનો મુદ્દો કાશ્મીર છે. આગળ વધવા માટેની સીડી પણ કાશ્મીર છે. બીલવાલ ભુટ્ટો જેવા નવોદિતો પણ આખે આખું કાશ્મીર પડાવી લેવાની ડંફાસો હાંકતા ગભરાતા નહોતા.
કાશ્મીરના પ્રશ્ને પાકિસ્તાનની સતત ચંચુપાતથી ત્રાસવાદીઓને વધુ બળ મળતું હતું. ૭૨ ટકા મતદાનનો સીધો અર્થ એવો થાય છે કે ત્રાસવાદીઓની પક્કડ છુટી ગઈ છે એમ જમ્મુ-કાશ્મીરની ચૂંટણીઓમાં થયેલા જંગી મતદાનને જોઈને પાકિસ્તાનના શાસકો ડરી ગયા છે.

સાર્કમાં નવાઝની નફફટાઇઃ ઉઘાડા પડયાઃ સભ્‍ય દેશો નારાજ

સાર્કમાં નવાઝની નફફટાઇઃ ઉઘાડા પડયાઃ સભ્‍ય દેશો નારાજ

 કાઠમંડુ તા.ર૭ : સાર્ક સંમેલનમાં ભાગ લઇ રહેલા પાકિસ્‍તાનના વડાપ્રધાન નવાઝ શરીફ પોતાના નક્કી થયેલા કાર્યક્રમ પહેલા જ સાર્ક સંમેલન છોડીને પોતાને દેશ પાછા ફરી રહ્યા છે. જીયો ટીવીના જણાવ્‍યા પ્રમાણે નવાઝ શરીફ આજે સાંજે કાઠમંડુથી પાકિસ્‍તાન જવા રવાના થઇ જશે. જયારે તેમનો પરત ફરવાનો કાર્યક્રમ શુક્રવારનો હતો.
   સાર્ક દેશોના સંમેલનમાં પાકિસ્‍તાનની અવળચંડાઇની આકરી ટીકા થઇ રહી છે. સાર્કના સભ્‍ય દેશો એ બાબતને લઇને નારાજ છે કે, પાકિસ્‍તાન ત્રણ મહત્‍વની સમજુતીના આડે આવી રહ્યુ છે. ભારતનું કહેવુ છે કે, પીએમ મોદી સાથેની મુલાકાતમાં અનેક સભ્‍ય દેશોએ પાકિસ્‍તાનના આ જક્કી વલણની ટીકા કરી છે. ભારતનું કહેવુ છે કે, મોદી સાથેની વાતચીતમાં અનેક દેશોના નેતાઓએ પાકિસ્‍તાનના આ અડીયલ વલણની ટીકા કરી અને નિરાશા વ્‍યકત કરી હતી. આ દરમિયાન નવાઝ શરીફની વાપસીના અહેવાલોએ સૌને ચોંકાવી દીધા છે.
   પાકિસ્‍તાની ન્‍યુઝ ચેનલ જીયો ટીવીના જણાવ્‍યા પ્રમાણે સાર્ક સંમેલનમાં નવાઝ શરીફના બધા કાર્યક્રમો આજે સાંજ સુધીમાં પુરા થઇ જશે તેથી તેમણે નક્કી કરેલા સમય પહેલા જ પાછા ફરવાનો નિર્ણય લીધો છે. ગઇકાલે ઉદ્દઘાટન પ્રસંગે મોદીએ નવાઝ શરીફને અવગણ્‍યા હતા. બંને ૩ કલાક સુધી એક મંચ ઉપર હતા છતાં બંનેએ એકબીજા સાથે હાથ ન મિલાવ્‍યા એટલુ જ નહી જોયુ પણ નહી.
   સાર્ક સમજુતીમાં આડે આવ્‍યા બાદ નવાઝ અલગ પડી ગયા છે. તેઓ આજે સાંજે ૬ વાગ્‍યે જ પાકિસ્‍તાન જવા રવાના થઇ જશે. જયારે પહેલા તેઓ શુક્રવારે ૭ વાગ્‍યે નીકળવાના હતા. જો કે પાકિસ્‍તાન બીજુ કારણ બતાવે છે, તે કહે છે કે, શુક્રવારની સવારે વધારે ઉડ્ડયનો હોવાથી નવાઝ શરીફે વહેલા નીકળવાનો નિર્ણય લીધો છે.
   આ સંમેલનમાં પાકિસ્‍તાનના અડીયલ વલણને કારણે અનેક મહત્‍વના કરારો થઇ શકયા નથી. તેમાં મોટર વ્‍હીકલ એકટ પણ સામેલ છે. પાકિસ્‍તાન આની પાછળ પોતાની આંતરિક પ્રક્રિયા પુરી નહી થયાનું બહાનુ બતાવે છે. નવાઝે પણ આ મામલે કશુ બોલવાનો ઇન્‍કાર કર્યો છે. આજે સાર્ક સંમેલનનો અંતિમ દિવસ છે. જેમાં નેપાળ સહિત બધા દેશોનો પ્રયાસ હશે કે માર્ગ, રેલ્‍વે અને વિજળીના માધ્‍યમથી સાર્ક દેશોની વચ્‍ચે કનેકટીવીટીના પ્રસ્‍તાવિત મુસદ્દા પર નવાઝ શરીફને મનાવી લેવાય. ભારતે સાર્ક દેશો વચ્‍ચે કનેકટીવીટી વધારવાનો પ્રસ્‍તાવ મુકયો હતો, જેનો પાકિસ્‍તાને વિરોધ કર્યો હતો.
   આજે અંતિમ દિવસે બધા વડાઓ રીટ્રીટ કાર્યક્રમમાં ભાગ લેશે. બધા નેતાઓ હેલિકોપ્‍ટરથી કાઠમંડુથી ઢુલીખેલ જશે. જયાં બધાની નજર મોદી અને નવાઝ શરીફ ઉપર કેન્‍દ્રીત હશે. હવે જોવાનુ છે કે શું બંને નેતાઓ આજે મળે છે કે પછી એકબીજાને અવગણે છે ? ગઇકાલે રાત્રે ડિનર દરમિયાન બંને નેતાઓ એક જ ટેબલ ઉપર બેઠા હતા અને એકબીજાને હસ્‍યા હતા પરંતુ કોઇ વાતચીત થઇ ન હતી.
   દરમિયાન આજે સાર્કની કમાન ભારતને સોંપવામાં આવશે એટલે કે સાર્કના ચેરમેન પદે ભારત રહેશે. આજે અંતિમ દિવસે મોદીના અનેક કાર્યક્રમ છે. બપોરે નેપાળના વડાપ્રધાને મોદી માટે લંચ રાખ્‍યુ. ૩-૪પ કલાકે સીટી હોલમાં સાર્કનું સમાપન થશે. મોદી રાત્રે ૯-૪પ કલાકે દિલ્‍હી માટે રવાના થશે.

आतंकियों पर कार्रवाई करने में गोगोई विफल : केंद्रीय मंत्री सर्बानन्द सोनोवाल

गुवाहाटी (असम) - केंद्रीय मंत्री सर्बानन्द सोनोवाल ने असम की तरुण गोगोई सरकार पर आज आरोप लगाया कि वह खुफिया सूचना के बावजूद जिहादियों एवं कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ कडी कार्रवाई करने में विफल रही है ।
सोनोवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”गोगोई के पास पिछले 13 वर्षों से गृह मंत्रालय है और समय-समय पर उन्हें राज्य में जिहादी संगठनों के प्रसार एवं उनकी गतिविधियों की खुफिया सूचनाएं मिलती रहती हैं। हम राज्य के गृह मंत्रालय की विफलता को लेकर चिंतित हैं।”
केंद्रीय खेल एवं युवा मामले, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री ने कहा, ”असम में जिहादी गतिविधि गंभीर समस्या है और यहां का हर नागरिक इसको लेकर चिंतित है। यहां लोग सुरक्षित नहीं हैं। यह गोगोई की जिम्मेदारी है कि सीमा पर जिहादी गतिविधियों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों से केंद्र सरकार को अवगत कराए ।”
उन्होंने आरोप लगाए कि ‘अवैध’ प्रवासियों से असम भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में वे जिहादियों के लिए आधार बन जाते हैं। उच्चतम न्यायालय द्वारा विवादास्पद अवैध प्रवासी अधिनियम 1983 को निरस्त कराने में मुख्य भूमिका निभाने वाले सोनोवाल ने कहा, ”इसलिए असम सरकार को इसे (अवैध प्रवासियों के प्रवेश) को रोकना होगा ।”
राज्य भाजपा के अध्यक्ष सिद्धार्थ भट्टाचार्य ने दावा किया कि असम में कट्टरपंथियों ने अपने आधार का निर्माण कर यहां अभियान तेज कर दिया है । सरकार को राज्य एवं देश की सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए और संगठनों को खत्म करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स