Sunday, 9 April 2017

विश्व को पाकिस्तान से खतरा ...!!!


First slide

इस्लामाबाद में सीआइए के पूर्व स्टेशन प्रमुख केविन हल्बर्ट ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान के 'विफल' होने से दुनिया के लिए परेशानी खड़ी होगी। हल्बर्ट ने खुफिया समुदाय के लिए साइफर ब्रीफ नाम की वेबसाइट पर लिखा कि पाकिस्तान एक ऐसे बैंक की तरह है जो इतना बड़ा है कि विफल नहीं होना चाहिए या इतना बड़ा है कि उसे कोई विफल नहीं होने देगा क्योंकि अगर उसे विफल होने दिया गया तो इसका विश्व की अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी असर हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 3.3 करोड़ की आबादी वाले अफगानिस्तान में बड़ी समस्याएं हैं, लेकिन पाकिस्तान में करीब 18.2 करोड़ नागरिक हैं जो अफगानिस्तान की आबादी का करीब पांच गुना ज्यादा हैं। गिरती अर्थव्यवस्था, वहां फैला आतंकवाद, सबसे तेजी से बढ़ता परमाणु शस्त्रागार, छठी सबसे बड़ी आबादी और विश्व में सबसे ऊंची जन्म दर वाले देशों में से एक पाकिस्तान गंभीर चिंता का विषय है।
हल्बर्ट ने कहा कि अंत में, हालांकि पाकिस्तान विश्व में सबसे खतरनाक देश नहीं है, लेकिन संभवत: यह दुनिया के लिए सबसे खतरनाक देश है। आज पाकिस्तान में काफी कुछ किया जाना बाकी है लेकिन अगर हम उसे अलग-थलग करने या प्रतिबंध लगाने की रणनीति अपनाते रहे तो इससे स्थिति और खराब हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका और आइएमएफ ने उसे खरबों रुपए की वित्तीय सहायता दी है तथा पाकिस्तान का साया अमेरिकी राष्ट्रपति को किसी अन्य देश के मुकाबले अधिक डरा रहा है। इसे देखते हुए हम पैसा बहा रहे हैं, उन्हें अच्छा व्यवहार करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें सीमित सफलता ही मिली है लेकिन हमें ये कोशिशें जारी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ सबसे खास बात यह है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वह एक साथ हमारा सबसे बेहतर सहयोगी और सबसे खराब सहयोगी है। हल्बर्ट ने कहा कि अफगानिस्तान में आज एकमात्र असली मकसद देश को तालिबान के हाथों में जाने से रोकना और अफगानिस्तान को आतंकवादियों के लिए पनाहगाह बनने से रोकना है जो पश्चिमी देशों के खिलाफ हमले की साजिश रच सकते हैं।
भारत के दौरे पर आए अफगानिस्तान के सांसद और अंतर्राष्ट्रीय विदेश मामलों की समिति के सदस्य नादर खान कटवाजाइ ने दक्षिण एशियाई देशों के लोकसभा अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान के विरुद्ध साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन (सार्क) देशों को एकजुट होना होगा, तभी विश्व में बढ़ते आतंकवाद की गतिविधियों पर रोक लगेगी। कटवाजाइ ने कहा कि विश्व का हर देश जानता है कि पाकिस्तान को आंतकवाद को बढ़ावा देने के लिए हथियार और आर्थिक मदद कौन कर रहा है। इस सम्मेलन में पाकिस्तान के शामिल नहीं होने के सवाल के जवाब में उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पाकिस्तान हमेशा बातचीत करने से बचता है, जबकि उसे सार्क देशों के इस मंच पर अपनी बात रखने का अवसर था। 
पाकिस्तान ने अपनी बिगड़ती छवि और गिरती साख को बचाने के लिए जहां आतंकी संगठन लश्करे तैय्यबा के मुखिया हाफिज सईद को आतंकवाद निरोधक कानून के तहत नजरबंद किया है। वहीं पिछले दिनों सूफी दरगाह पर हुए आत्मघाती हमले के बाद 100 से अधिक आतंकवादियों को मारा और 350 के करीब आतंकियों को गिरफ्तार भी किया है। भारत ने पाकिस्तान के हाफिज सईद को आतंकी घोषित करने के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे पाक सरकार का सकारात्मक कदम कहा है।
तस्वीर का दूसरा पहलू यह कि पाकिस्तान ने आतंकी संगठन लश्करे तैय्यबा और हिजबुल मुजाहिदीन के माध्यम से कश्मीर घाटी में आतंक फैलाने के लिए फिर से उसको समर्थन देना शुरू कर दिया है। इन आतंकी संगठनों के माध्यम से घाटी में अशांति फैलाने के लिए 35 हजार रुपये के वेतन पर युवाओं की भर्ती शुरू कर दी है। पाकिस्तान में आतंकियों के कैंप फिर से लगने शुरु हो गए हैं।
पाकिस्तान एक तरफ अमेरिका सहित दुनिया को यह दर्शाने की कोशिश कर रहा है कि वह आतंकियों विरुद्ध लड़ाई लड़ रहा है। दूसरी तरफ घाटी में आतंकियों को समर्थन व संरक्षण देकर भारत में हिंसा बढ़ाने की कोशिश भी कर रहा है। पाकिस्तान आर्थिक रूप से जहां पिछड़ रहा है, वहीं राजनीतिक दृष्टि से भी कमजोर पड़ रहा है। अपनी उपरोक्त दो कमजोरियों को छुपाने के लिए वह भारत विरुद्ध प्रचार कर आतंकियों का समर्थन भी कर रहा है। अपनी उपरोक्त दो मुंही नीति के कारण ही पाकिस्तान की साख और छवि कमजोर होती जा रही है। अगर पाक सरकार ने अपनी नाकारात्मक नीतियों को नहीं छोड़ा तो वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान गृहयुद्ध के कगार पर पहुंच जाएगा।
उपरोक्त स्थिति का अंदाजा लगाते हुए ही सीआईए के पूर्व स्टेशन चीफ रहे केविन हल्र्बट पाकिस्तान को विश्व के लिए खतरा मान रहे हैं। लेकिन इस खतरे से बचने के लिए जो नीति केविन हल्बर्ट सुझा रहे हैं वह व्यवहारिक नहीं है। पाक के प्रति नर्म नीति जो अमेरिका सहित विकसित देशों ने अपनाई उसी कारण पाकिस्तान उत्पन्न हुई स्थिति का लाभ उठाता चला गया। आज नहीं तो कल पाकिस्तान के आंतरिक हालात के कारण देश के भीतर विस्फोट होने वाला है जिसके कारण विश्व के सम्मुख कई प्रकार की चुनौतियां आएंगी। पाकिस्तान सरकार को आंखें बंद कर समर्थन देने से बेहतर है, विश्व आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने को तैयार करे।     
-इरविन खन्ना, मुख्य संपादक, उत्तम हिन्दू। 

No comments:

Post a Comment