कुरान के मुताबिक यूं भी किसी के धर्मस्थल या विवाद वाली जगह पर कोई मस्जिद नहीं बन सकती। अगर बन गई तो वह नापाक होती।
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि अयोध्या विवाद के असली दोषी वे स्वयं हैं। वे उस समय राम जन्मभूमि संघर्ष समिति के संयोजक थे। लालकृष्ण आडवाणी एवं मुरली मनोहर जोशी को इस मामले में फंसाना एक कौम का विरोधी घोषित करने की साजिश है। यह साजिश उन्हीं चंद लोगों की है जिनका जिक्र मैं कर चुका हूं। यही लोग धर्मनिरपेक्षता और आरक्षण के भी पैरोकार रहे हैं। इन दोनों से देश को सर्वाधिक क्षति हुई है। देश के बंटवारे की वजह भी धर्मनिरपेक्षता ही थी।
चिन्मयानंद गुरुवार को यहां मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से आयोजित गोष्ठी में बोल रहे थे। विषय था, ‘हक के साथ आओ अयोध्या विवाद सुलझाओ’। उनके मुताबिक, अयोध्या विवाद का सबसे अच्छा हल आपसी संवाद है न कि कोर्ट। कोर्ट में एक पक्ष हारेगा, दूसरा जीतेगा। इसी अनुसार उसकी प्रतिक्रिया भी होगी। चंद लोग जो फिरकापरस्ती की आग पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकते रहे हैं, वह संवाद से इस मसले के हल का संभव विरोध करेंगे। कौम के लोग इन तत्वों से सावधान रहें।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य इंद्रीश कुमार ने कहा कि मस्जिद सिर्फ खुदा के नाम पर होती किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं। फिर जिस बाबर के नाम पर बनी मस्जिद को लेकर विवाद है, उसका हिंदूुस्तान से ताल्लुक ही क्या था। कुरान के मुताबिक यूं भी किसी के धर्मस्थल या विवाद वाली जगह पर कोई मस्जिद नहीं बन सकती। अगर बन भी गई तो वह नापाक होती। उसमें की गई दुआ खुदा को कुबूल नहीं होती। गोष्ठी को मौलाना हमीदुल हसन, मौलाना कोकब, गुरमीत सिंह और अन्य धर्मो के प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया। कहा कि अमन और भाईचारे के लिए आपसी सहमति से अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण समय की मांग है।
By Preeti jha
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