जैसे नरेंद्र मोदी के सत्ता में काबिज होते ही आरएसएस में युवाओं की तादाद बढ़ने लगी थी ठीक वैसे ही योगी आदित्यनाथ के यूपी के सीएम बनते ही युवाओं में युवा वाहिनी के प्रति रूझान बढ़ता नजर आ रहा है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक योगी की युवा वाहिनी में रोजाना 5 हजार से ज्यादा आवेदन आने लगे हैं।
साल 2002 में स्थापित सामाजिक संगठन हिंदू युवा वाहिनी में आवेदनों की संख्या में तेजी आई है। हिंदू युवा वाहिनी के मुख्यालय से मिल रही खबरों के मुताबिक रोजाना लगभग 5000 आवेदन संगठन को मिल रहे हैं। इसलिए अब संगठन ने कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं। पहले संगठन में कोई नियम नहीं थे। लेकिन अब इसकी सदस्यता के लिए कुछ गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
इससे पहले युवा वाहिनी को हर महीने महज 500 से 1000 आवेदन मिलते थे। लेकिन योगी सरकार के सत्ता में आते ही इसमें इजाफा हुआ है। योगी आदित्यनाथ एक हिंदूत्ववादी चेहरा हैं। नए दिशा निर्देश के मुताबिक अब इसकी सदस्यता पाने के लिए कैंडिडेट्स को एक साल की एक जांच प्रक्रिया का सामना करना होगा। इसमें पता चलेगा कि पिछले एक साल में कैंडिडेट किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा था या नहीं, उसका बैकग्राउंड क्या है।
उसके बाद वो सर्कुलर संगठन के पास आएगा और और कई तरह के प्रोसेस के बाद उसपर अमल किया जाएगा। आपको बता दें कि इस संगठन में एक भी महिला सदस्या नहीं हैं। पहले केवल 11 रुपए देकर इसकी सदस्यता हासिल की जा सकती थी, बाद में सदस्यता को मुफ्त कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि तमिलनाडु, ओडिशा, केरल, महाराष्ट्र से ज्यादा आवेदन आ रहे हैं। फिलहाल संगठन में दो लाख से ज्यादा सदस्य हैं। नए नियमों में साफ कहा गया है कि कैंडिडेट का पिछला रिकॉर्ड देखा जाएगा, उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड तो नहीं है।
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