Friday, 31 March 2017

ॐ का उच्चारण

तीन अक्षरों से बना है, अ उ म्।
 का अर्थ है उत्पन्न होना,
 का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,
 का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् ब्रह्मलीन हो जाना।
ॐ सम्पूर्ण ब्रह्मांड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है। ॐ का उच्चारण 11 प्रकार के शारीरिक लाभ प्रदान करता है।




उच्चारण की विधि

प्रातः उठकर पवित्र होकर ओंकार ध्वनि का उच्चारण करें। ॐ का उच्चारण पद्मासन, अर्धपद्मासन, सुखासन, वज्रासन में बैठकर कर सकते हैं। इसका उच्चारण 5, 7, 10, 21 बार अपने समयानुसार कर सकते हैं। ॐ जोर से बोल सकते हैं, धीरे-धीरे बोल सकते हैं। ॐ जप माला से भी कर सकते हैं।

उच्चारणके फायदे

1. ॐ और थायरायडः ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
2. ॐ और घबराहट: अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
3. ॐ और तनावः यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
4. ॐ और खून का प्रवाहः यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।
5. ॐ और पाचनः ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति मजबूत होती है।
6. ॐ लाए स्फूर्तिः इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
7. ॐ और थकान: थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
8. ॐ और नींदः नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।
9.ॐ और फेफड़े: कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
10. ॐ और रीढ़ की हड्डी: ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
11. ॐ दूर करे तनावः ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।
आशा है आप अब कुछ समय जरुर ॐ का उच्चारण करेंगे । साथ ही साथ इसे उन लोगों तक भी जरूर पहुंचायेगे जिनकी आपको फिक्र है। अपना ख्याल रखिये, खुश रहें।

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