आज की बिटिया कल की नारी है।
वही इंदिरा, दुर्गा, लक्ष्मी, किरन,
अन्नपूर्णा और जग कल्याणी है।
इनकी अपनी अलग कहानी है,
बिटिया के जन्म का उत्सव मनाओ।
पढ़ा-लिखाकर उसे काबिल बनाओ॥
बेटा-बिटिया में भेद-भाव करना सरासर अन्याय है,
इसी भेद-भाव के कारण तो आज इनका घटता अनुपात है।
उनमें से तो कुछ चढ़ा दी जाती है, दहेज की बलि,
कुछ कुपोषण के कारण खिलने से पूर्व ही मुरझाती है कली,
कुछ होती जा रही हैं दुराचार और शोषण की शिकार॥
यदि ऐसे ही घटता रहा इनका अनुपात,
तो घर-परिवार और देश को चलाएगा कौन?
सोचो ज़रा सब तरफ बढ़ेगा अत्याचार और बलात्कार।
जैसे एक पहिए से गाड़ी नहीं चल पाएगी,
वैसे ही नारी के बिना क्या यह दुनिया चल पाएगी?
जैसे नल होगा बिना पानी के ,
वैसे ही नर रहेगा बिना नारी के।
नारी ही तो है जन-जन की जननी,
वही रखती ख्याल सबका दिन-रात॥
नारी ही तो चलाती है,
घर, समाज, देश और संसार।
नारी से बढ़कर कोई नहीं,
इनकी महिमा अपरंपार॥
जहाँ इनको मिलता है सम्मान,
वहीं रमते हैं श्री भगवान।
हर जन, समाज, और सरकार से
है विनती हमारी।
लड़कियों को सबल बनाएँ,
और दें इन्हें सुविधाएँ सारी॥
पढ़ी-लिखी बालिका पर ही टिकी हैं,
परिवार, समाज और देश की उम्मीदें सारी।
घर-घर में होता है दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती का अवतार,
यह कथा नहीं सच्चाई है, इसे स्वीकारने से मत करें इनकार॥
इस धरती को स्वर्ग बनाओ,
बिटिया को सँवारो, पढ़ाओ और सबल बनाओ।
बिटिया के जन्म का उत्सव मनाओ,
पढ़ा-लिखाकर उसे काबिल बनाओ॥
राम प्यारे सिंह (टी०जी०टी० संस्कृत) एम०ए०(हिन्दी,संस्कृत), बी०एड्०
C.TET.
आर्मी पब्लिक स्कूल गोलकोण्डा, हैदराबाद-31
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