जिस मक्का को दुनिया इस्लाम का तीर्थ स्थल मानते हैं दरअसल उसके बारे में कुछ लोगों का मानना है कि आज से हजारों साल पहले वह हिंदुओं का तीर्थ स्थल था। कहा जाता है कि यहां भगवान मक्केश्वर महादेव का मंदिर हुआ करता था। कुछ लोगों का यह दावा है कि वहां पर आज भी महादेव का शिवलिंग मौजूद है। एक मान्यता के अनुसार जो भी मुस्लिम वहां हज के लिए जाता है वो वहां संगे अस्वाद मानकर इसी शिवलिंग को चूमते हैं।
ये यहां कहां से आया
इस शिवलिंग के विराजमान होने के पीछे जो कथा है वो ये है कि भोलेनाथ ने रावण की तपस्या से खुश होकर लड़ाई जीतने का आशीर्वाद देते हुए ये शिवलिंग दिया और कहा कि इसे जहां भी तुम धरती पर रखोगे ये वहीं सदा-सदा के लिए स्थापित हो जाएगा। जब रावण आसामान के रास्ते अपने महल लंका की ओर जा रहा था तो रास्ते में उसे अचानक पेशाब आई जिसके चलते उसे वह शिवलिंग किसी को पकड़वाना पड़ा। जिसे वह शिवलिंग पकड़ने के लिए दिया वो देवताओं के ही पक्ष का था क्योंकि ये शिवलिंग यदि लंका में स्थापित हो जाता तो देवता रावण से कभी विजयी नहीं होते। इसलिए ये शिवलिंग रावण से लेकर उसी स्थान पर रखना पड़ा और ये शिवलिंग हमेशा के लिए यहां स्थापित हो गया। ये जगह और कोई नहीं मक्का ही थी।
शिव की संगिनी गंगा भी यहां मौजूद है
भगवान शिव और गंगा का साथ एक रहा है। जहां शिव होंगे वहां पावन गंगा और चंद्रमा अवश्य मौजूद होंगे। ठीक इसी तरह काबा में एक झील भी बहती है। जिसके पानी को यहां के लोग बहुत ही पाक मानते हैं। जिसे ये अबे जम-जम कहते हैं, जिसका अर्थ पाक होता है।
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