Sunday, 26 June 2016

सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर बनाएंगे अयोध्या में राम मंदिर: योगी आदित्यनाथ

 बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ से 'आज तक' ने खास बातचीत की. पेश है उनसे हुई बातचीत के अंश.



1. सवाल- योगी जी आपने कहा जब ढांचे को तोड़ने में कोई नहीं रोक पाया तो राम मंदिर बनाने से कौन रोक पाएगा ? तो कब बनाएंगे मंदिर आप? क्या चुनाव को देखते हुए यह सब बयान बाजी हो रही है?
योगी- हर मुद्दे को चुनाव से नहीं छोड़ना चाहिए. आखिर यह प्रश्न अयोध्या में राम जन्मभूमि पर ही क्यों उठाए जा रहे हैं. मुझे लगता है कि आज के दिन वहां पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि 30 सितंबर 2010 को जब दोनों पक्ष इस बात के लिए सहमत थे कि न्यायालय जो फैसला देगा हम उसका पालन करेंगे. हम हिंदुओं की तो एक ही मांग थी जहां राम लला विराजमान है, वही राम जन्मभूमि है. फिर विवाद कहां से. न्यायालय ने तो इस बात को कह दिया है, यह साबित हो चुका है कि मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में जाकर जबरदस्ती इस मामले को लटकाने का प्रयास किया है. देश में शांति और सौहार्द्र के लिए, देश के विकास के लिए यह आवश्यक है कि इस मुद्दे को अब समाप्त किया जाना चाहिए और यह मार्ग जन भावनाओं के अनुरूप आगे प्रशस्त कर देना चाहिए.

2. सवाल- बहुत सालों से यही मुद्दा चल रहा है, कब बनाएंगे राम मंदिर?
योगी- वक्त आने दीजिए जो होगा आपके सामने होगा.

3. सवाल- आपकी सरकार है बहुमत है आपके पास?
योगी- यह काम सरकार का नहीं है समाज का कार्य है समाज अपना काम अपने हिसाब से कर लेगा. समय आने दीजिए वक्त को देख लीजिए.

4. सवाल- आप ने कहा था तोड़ने में कोई नहीं रोक पाया तो मंदिर बनाने में भी कोई नहीं रोक पाएगा?
योगी- तोड़ने में जब कोई बाधा नहीं है तो निर्माण तो एक रचनात्मक अभियान है तो उसमें तो सबका सहयोग होना चाहिए. आखिर सोमनाथ के मंदिर का निर्माण हुआ था न. उसी तर्ज पर राम मंदिर का निर्माण होगा.

5. सवाल- योगी जी आजकल यूपी की राजनीति भी गर्म है. कौमी एकता पार्टी को जिस ढंग से समाजवादी पार्टी में शामिल किया गया, परिवार में विवाद हो गया. शिवपाल यादव ने ज्वाइन करवाया, अखिलेश यादव ने मंत्री को निकाल दिया. किस ढंग से देखते हैं इस पूरे घटना क्रम को?
योगी- देखिए उत्तर प्रदेश में 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी और सरकार बनने से पहले जो भगदड़ की स्थिति होती है बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी में दिखाई दे रही है. समाजवादी पार्टी राजनीति के जिस घटिया स्तर पर उतर सकती है उस पर वह कार्य कर रही है. समाजवादी पार्टी पहले से ही इस बात के लिए बदनाम रही है. इन्होंने राजनीति का अपराधीकरण किया है. पेशेवर अपराधी माफिया और सरगना को गले लगाने का कोई नया खेल नहीं है. उसी का हिस्सा है मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे लोग पहले इस पार्टी के साथ रहे हैं. आज फिर आ गए हैं. समाजवादी पार्टी की वास्तविकता सबके सामने हैं. इसी से प्रदेश की अराजकता और प्रदेश का विकास बाधित हुआ है. वही स्थिति बहुजन समाजवादी पार्टी में है. कोई बाहरी व्यक्ति नहीं कह रहा है. बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य इस बात को कहते हैं की मायावती जी दलित की नहीं बल्कि दौलत की बेटी हैं. यहां टिकट के रेट फिक्स हैं. यह लोकतंत्र का उपहास है. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के मूल्यों और आदर्शों का इतना उपहास. मुझे लगता है इतना कभी नहीं हुआ होगा जितना बहुजन समाजवादी पार्टी के द्वारा टिकट बेचकर किया जा रहा है. इसलिए चुनाव से पहले की भगदड़ है. साबित करता की चुनाव आते-आते दोनों दलों की क्या स्थिति होगी.

6. सवाल- क्या स्वामी प्रसाद मौर्य को बीजेपी में लेने का सोच रही है पार्टी?
योगी- केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व मिलकर तय कर लेगा जो पार्टी हित में और प्रदेश के हित में होगा. मुझे लगता है पार्टी आवश्यक कदम उठाएगी.

7. सवाल -उनको लेने का बीजेपी को फायदा होगा?
योगी- देखिए कितना लाभ और कितना नुकसान कहां से होता है पार्टी तय करने में सक्षम है और पार्टी उस पर अवश्य 

अशोक सिंघल [Edited By: प्रियंका झा]

नई दिल्ली, 24 जून 2016 | अपडेटेड: 02:53 IST

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