• क्या बलवान हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन एवं धर्मवीर संभाजी महाराज के नाम पर कार्य करनेवाले संगठन इस धमकी के संदर्भ में कुछ कृत्य करेंगे ? मोदी सरकार अबू आजमी पर क्या कार्यवाही करेगी ?
• मोदी के कार्यकाल में यदि राज्य में औरंगजेब का उदात्तीकरण होगा, तो वह हिन्दुओंके लिए ‘बुरे दिन’ होने के
ही संकेत हैं ! कल यदि औरंगाबाद की स्थिति कश्मीर समान हुई, तो आश्चर्य नहीं प्रतीत होगा !
संभाजीनगर (महाराष्ट्र) : औरंगजेब अत्यधिक (सेक्यूलर) धर्मनिरपेक्ष था। उस ने जो कुर्बानी दी है,
उसे मुसलमान कभी नहीं भूल सकेंगे। (औरंगजेब अत्यंत क्रूर राजा था। उसने अपने मां-पिता को भी
कारागृह में डाल रखा था। बंधुओंकी भी मुस्कें कस रखी थीं/हाथ बांध रखे थे। छत्रपति संभाजी राजा को
असीम प्रताडित कर उन की हत्या की थी। ऐसा क्रूर राजा औरंगजेब जिन्हें धर्मनिरपेक्ष प्रतीत होता है,
क्या उन्हें इतिहास ज्ञात नहीं है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) इस नगर से औरंगजेब का नाम
संलग्न किया गया है। इसलिए इस में परिवर्तन करने का प्रयास किया गया, तो खून की नदियां बहेगी,
आज समाजवादी पक्ष के अबू आजमी ने ऐसी धमकी दी। (कौवे के श्राप से गाय नहीं मरती !
धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज की मृत्यु के पश्चात नेता न रहते हुए भी हिन्दूआेंने औरंगजेब से लडाई की थी !
उसी धर्मवीर संभाजीराजा के वारिस हिन्दू इस भूमि में आज भी जीवित हैं। इसलिए कोई भी हिन्दू ऐसी धमकियोंपर
ध्यान नहीं देगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
आजमी ने कहा कि…
१. नया नगर बसाएं एवं उसे संभाजीनगर नाम दें। यदि मुसलमानोंके साथ छेडखानी की, तो उस के गंभीर परिणाम होंगे।
(औरंगजेब, ऐसा समुपदेश देनेवाले अबू आजमी का, कौन लगता है ? धर्मांध नेताओंकी यह उद्दंडता स्थायी रूप से समाप्त
करने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. गोवंशहत्या बंदी के कारण राज्य में असंख्य नागरिक निरुद्योगी हो गए हैं। (किसी भी अंकवारी के बिना इस प्रकार का
बहाना करनेवाले अबू आजमी पर कैसे विश्वास करें ? -संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
३. ‘मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन’ (एमआइएम) जातीयवादी पक्ष है; जो सदैव समझौता करता आया है। इसलिए
धर्मनिरपेक्ष मतोंका विभाजन होता है, जिस का लाभ शिवसेना एवं भाजपा को मिल रहा है।
ये है, अत्यधिक (सेक्यूलर) धर्मनिरपेक्ष ‘औरंगजेब’ के कुछ उदाहरण !



स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
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