Friday, 16 January 2015

पाकिस्तान: हिंदुओं के लिए होगा अलग मैरिज एक्ट



पाकिस्तान में छोटी उम्र की लड़कियों के धर्मान्तरण और उनकी जबरन शादियों से टूट चुके हिदुओं के लिए वहां के सुप्रीम कोर्ट ने एक उम्मीद की किरण दिखाई है।

पाक नेशनल असेंबली में अल्पसंख्यक कोटे के एक सांसद के निवेदन पर अदालत ने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि वह दो हफ्ते में हिंदू मैरिज एक्ट के मसौदे पर मुहर लगाए।

अल्पसंख्यकों को सुरक्षा और अधिकार दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की इस सख्ती का पाक हिंदू काउंसिल (पीएचसी) समेत कई संगठनों ने स्वागत किया है। उनका मानना है कि हिंदू मैरिज एक्ट के तहत शादियों का रजिस्ट्रेशन होने से उन्हें और उनके बच्चों को पहचान पत्र से लेकर पासपोर्ट बनवाने तक दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ेंगी।

पाकिस्तान के सिंध समेत अन्य प्रांतों में पिछले साल मासूम हिंदू लड़कियों को अगवा कर उनका जबरन धर्मांतरण कराने और ज्यादा उम्र के पुरुषों से विवाह कराने की कई घटनाएं हुई थीं।

इनमें कई मामले पुलिस तक गए और अब दो मामलों में नाबालिग लड़कियों को कराची के शेल्टर होम में रखा गया है। उनके माता-पिता बेटियों को साथ ले जाना चाहते हैं, लेकिन उनके सामने खुद की पहचान का संकट है।

पाक नेशनल असेंबली में पीएमएल-एन के अल्पसंख्यक सांसद डा. रमेश कुमार वांकवानी और दूसरे सदस्य दर्शन लाल ने पिछले साल जून में इस तरह की समस्याओं से निजात के लिए हिंदू मैरिज एक्ट पेश किया था। तब से बिल स्टैंडिंग कमेटी के पास है।

डा. रमेश कानून बनवाने के लिए जब सुप्रीम कोर्ट गए तो मंगलवार को अदालत ने हिंदू मैरिज एक्ट दो हफ्ते में कैबिनेट से पास कराने का जिम्मा एटार्नी जनरल को सौंप दिया। मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी। पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के अध्यक्ष चेला राम केवलानी ने इस फैसले को ऐतिहासिक माना है।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के वरिष्ठ दलित नेता सुरेंद्र वलसाई ने दावा किया कि सिंध प्रांत में उनके दल की सरकार सबसे पहले हिंदू मैरिज एक्ट लागू करेगी।

अमर उजाला के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा हिंदू परिवार सिंध में कराची के आसपास ही रहते हैं और उन्हें छोट-मोटे सरकारी काम के लिए दिक्कत होती है। इसलिए वे नया कानून जल्द लागू करवाने के लिए राज्य सरकार को राजी कर चुके हैं।

पाक में करीब 30 लाख हिंदू रहते हैं। इनमें हिंदुओं की कुल संख्या 1.85 फीसदी है। 6.6 फीसदी हिंदू अकेले सिंध प्रांत में रहते हैं।

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