हाल फिलहाल भारत पाक के संबंधों में बेशक तल्खी आई हो लेकिन पाकिस्तान की नोबेल पुरस्कार विजेता छात्रा मलाला युसुफजई दोनों देशों के संबंध सुधरने की वकालत करती हैं। भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ शांति का नोबेल पुरस्कार लेने स्टोकहोम पहुंची मलाला ने उम्मीद जताई की आने वाले समय में दोनों देश फिर भाई-भाई का रिश्ता निभा सकते हैं।
मलाला ने कहा कि आज पूरा विश्व भारत और पाकिस्तान की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है, ऐसे में दोनों देशों को बच्चों के अधिकारों और शिक्षा को लेकर बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। वहीं पुरस्कार मिलने से पहले संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में कैलाश सत्यार्थी ने मलाला को अपनी बेटी के समान कहकर संबोधित किया। उनके इस संबोधन से खुश नजर आई मलाला ने इसके लिए सत्यार्थी का आभार जताया।
गौरतलब है कि बच्चों के अधिकारों के लिए लंबी लडाई लड़ने वाले भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान में बच्चों के लिए शिक्षा की अलख जगाने वाली मलाला युसुफजई को संयुक्त रूप से इस वर्ष के शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है।
मलाला ने कहा कि आज पूरा विश्व भारत और पाकिस्तान की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है, ऐसे में दोनों देशों को बच्चों के अधिकारों और शिक्षा को लेकर बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। वहीं पुरस्कार मिलने से पहले संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में कैलाश सत्यार्थी ने मलाला को अपनी बेटी के समान कहकर संबोधित किया। उनके इस संबोधन से खुश नजर आई मलाला ने इसके लिए सत्यार्थी का आभार जताया।
गौरतलब है कि बच्चों के अधिकारों के लिए लंबी लडाई लड़ने वाले भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान में बच्चों के लिए शिक्षा की अलख जगाने वाली मलाला युसुफजई को संयुक्त रूप से इस वर्ष के शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है।
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